मैसूरु, चिक्कमंगलूरु, बेंगलूरु ग्रामीण, बल्लारी और दावणगेरे जैसे जिलों में चिंताजनक रुझान सामने आए हैं। इन जिलों में पहले यह दर नगण्य थी, लेकिन अब पिछले तीन-चार वर्षों में इसमें वृद्धि देखी जा रही है।
Karnataka के पांच जिलों में मृत जन्मों Still Birth की संख्या में वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में समस्या ज्यादा है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य की कुल मृत जन्म दर 3.41 प्रतिशत (प्रति 1,000 जन्म) है, लेकिन कुछ जिलों में यह आंकड़ों 9.30 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हावेरी में सबसे ज्यादा दर दर्ज की गई है। इसके बाद धारवाड़, चामराजनगर, गदग और मैसूरु का स्थान है।
मैसूरु, चिक्कमंगलूरु, बेंगलूरु ग्रामीण, बल्लारी और दावणगेरे जैसे जिलों में चिंताजनक रुझान सामने आए हैं। इन जिलों में पहले यह दर नगण्य थी, लेकिन अब पिछले तीन-चार वर्षों में इसमें वृद्धि देखी जा रही है।
राज्य में वर्ष 2020 में 9.33 लाख जन्म दर्ज किए गए। इनमें 3.31 प्रतिशत मृत जन्म थे। इनमें से 2.11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से और 5.24 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों से थे। वहीं राज्य में वर्ष 2020 में 9.91 लाख जन्म दर्ज किए गए। इनमें 3,244 मृत जन्म थे। इनमें से 0.19 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से और 7.28 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों से थे।
रिपोर्ट में भ्रूण के धीमे विकास, प्रसव के दौरान सांस लेने में तकलीफ, जन्म से संबंधित तनाव, गर्भावस्था के दौरान कठिन काम, दुर्घटनाएं और चिकित्सकीय गर्भपात जैसे कारणों का हवाला दिया गया है। चिकित्सकों के अनुसार मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन और अस्पताल पहुंचने में देरी जैसे जीवनशैली कारक भी जोखिम बढ़ा रहे हैं।स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
धारवाड़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी एस. एम. होनाकेरी ने कहा कि मामलों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है और निष्कर्ष एक महीने के भीतर सरकार के साथ साझा किए जाएंगे।