वन्यजीव कार्यकर्ता और राज्य वन्यजीव बोर्ड Karnataka Wildlife Board के पूर्व सदस्य जोसेफ हूवर ने सवाल उठाया कि जब मूरकेरे क्षेत्र को चार परित्यक्त बाघ शावकों की सुरक्षा को लेकर सफारी के लिए बंद किया गया है, तो फिर निजी वाहन को कोर टाइगर हैबिटेट में प्रवेश की अनुमति क्यों दी गई?
वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने बंडीपुर टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में शनिवार को तवरे कट्टे मंदिर सफारी रोड पर एक निजी जीप के प्रवेश की अनुमति देने को लेकर वन विभाग की कड़ी आलोचना की है। इसे गैरकानूनी बताते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वन्यजीव कार्यकर्ता और राज्य वन्यजीव बोर्ड Karnataka Wildlife Board के पूर्व सदस्य जोसेफ हूवर ने सवाल उठाया कि जब मूरकेरे क्षेत्र को चार परित्यक्त बाघ शावकों की सुरक्षा को लेकर सफारी के लिए बंद किया गया है, तो फिर निजी वाहन को कोर टाइगर हैबिटेट में प्रवेश की अनुमति क्यों दी गई? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या वन अधिकारियों के रिश्तेदारों को बाघ पकडऩे जैसी कार्यवाहियों में शामिल होने की अनुमति है?
उन्होंने आरोप लगाया कि इसी समूह ने पिछले सप्ताह रामपुर हाथी शिविर का भी दौरा किया था। हूवर ने कहा कि इस वर्ष जून से अब तक राज्य के एम.एम. हिल्स अभयारण्य में छह बाघों की जहर से मौत हो चुकी है। ऐसे में बीटीआर Bandipur Tiger Reserve अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए।