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कुर्सी की जंग से विकास कार्य और प्रशासन ठप : बोम्मई

हाल में विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित द्वेष भाषण एवं द्वेष अपराध रोकथाम विधेयक को लेकर पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा कि यह विधेयक कांग्रेस की आपातकालीन मानसिकता को दर्शाता है।

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कांग्रेस आलाकमान ने अब तक इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कथित आलाकमान में अब कोई भी निर्णायक फैसला लेने की क्षमता नहीं बची है। यह किसी से छिपा नहीं है कि कांग्रेस आलाकमान में ही दो गुट बन चुके हैं।

- सत्ता संघर्ष का असर अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों पर भी दिखने लगा है

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई Basavaraj Bommai ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस Congress नेताओं के बीच चल रही कुर्सी की जंग के कारण राज्य Karnataka में विकास कार्य ठप हो गए हैं और प्रशासन पंगु स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता संघर्ष का असर अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों पर भी दिखने लगा है, जो नाराज और आक्रोशित हैं।

कांग्रेस आलाकमान में ही दो गुट बन चुके हैं

मंगलवार को बेंगलूरु में पत्रकारों से बातचीत में बोम्मई ने कांग्रेस आलाकमान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह केवल हाय कमांड बनकर रह गया है, जिसके पास कोई कमांड नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कथित आलाकमान में अब कोई भी निर्णायक फैसला लेने की क्षमता नहीं बची है। यह किसी से छिपा नहीं है कि कांग्रेस आलाकमान में ही दो गुट बन चुके हैं।

राजनीतिक अस्थिरता का माहौल

बोम्मई ने कहा कि राज्य में सत्ता हस्तांतरण को लेकर पिछले छह-सात महीनों से कांग्रेस नेता एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अब तक इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। इसके चलते राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है और शासन व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

नया कानून लाना राज्य सरकार की मंशा पर सवाल

हाल में विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित द्वेष भाषण एवं द्वेष अपराध रोकथाम विधेयक को लेकर पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा कि यह विधेयक कांग्रेस की आपातकालीन मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून की आड़ में राज्य सरकार किसी को भी जेल भेज सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए भारतीय न्याय संहिता में पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं। इसके बावजूद नया कानून लाना राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।