बेंगलूरु. फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर बुधवार को तीन ग्रहों के संयोग में महाशिवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सुबह से ही शिवलिंग पर जलाभिषेक व दर्शन के लिए शहर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। ओम नम: शिवाय के मंत्राेच्चार के साथ […]
बेंगलूरु. फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर बुधवार को तीन ग्रहों के संयोग में महाशिवरात्रि हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सुबह से ही शिवलिंग पर जलाभिषेक व दर्शन के लिए शहर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। ओम नम: शिवाय के मंत्राेच्चार के साथ श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ रुद्राभिषेक और पंचामृत अभिषेक भी किया गया। भक्तों ने अबीर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, बेर, फूल आदि चढ़ा कर भगवान शिव से परिवार की सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। बुधवार होने के कारण शिव-पार्वती के साथ भगवान गणेश की भी पूजा-अर्चना की गई।सुबह से घरों से लेकर शिवालयों तक का माहौल भक्तिमय हो रहा था।शिवलिंग पर दुग्ध और जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचने लगे थे।
शहर भर के विभिन्न मंदिरों में गणपति होम, नवग्रह होम, मृत्युंजय होम, महालक्ष्मी होम, रुद्र होम, सहस्र बिल्व अर्चना और महामंगल आरती जैसे अनुष्ठान किए गए। गविपुरम में गवि गंगाधरेश्वर मंदिर, मल्लेश्वरम में कडु मल्लेश्वर मंदिर, टेंपल स्ट्रीट पर दक्षिणमुखी नंदी तीर्थ मंदिर, अलसूर में सोमेश्वर मंदिर, जरगनहल्ली में गंगाधरेश्वर स्वामी मंदिर और चन्नमनकेरे अच्चुकट्टू में श्रीकांतेश्वर स्वामी मंदिर सहित कई प्रसिद्ध मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। कोणनकुंटे में चंद्रचूड़ेश्वर मंदिर, बसवनगुड़ी में मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, चामराजपेट में मले महादेश्वर मंदिर, ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर मुरुगेशपाल्या में शिवोहम शिव मंदिर और कोटे जलकांतेश्वर मंदिर जैसे अन्य मंदिरों में भी भारी भीड़ देखी गई।
आस्था व उत्साह से लबरेज भक्तों ने जलाभिषेक, पूजा-अर्चना के साथ बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाए। भगवान शिव के भक्ति गीतों से पूरा वातावरण शिवमय होता रहा। विभिन्न मंदिरों व शिवालयों में चार प्रहर की विशेष पूजा-अर्चना की गई। कई मंदिरों ने भक्तों को प्रसाद वितरित किया कई श्रद्धालुओं ने निराहर तो कई ने फलाहार व्रत रखा। सुबह से देर शाम तक जलाभिषेक व पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा। कई जगहों पर रात्रि जागरण, शिव भजन समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। पंडित बीरेंद्र कुमार पाण्डेय, पं कमलेश कुमार तिवारी व पं राजेंद्र उपाध्याय ने ऋषिकेश पंचांग का हवाला देते बताया कि 10.05 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो गई थी। महाशिवरात्रि के दिन मीन राशि में राहु और शुक्र ग्रह गोचर कर रहे थे। वहीं सूर्य, शनि, बुध के कुंभ राशि में विराजमान होने से महाशिवरात्रि मंगलमय रहा।--------------