साध्वी मणिप्रभा का प्रवचन
मैसूरु. साध्वी मणिप्रभाश्री आदि ठाणा बंडीपुर से विहार कर तमिलनाडु सीमा में प्रवेश करते हुए तप्पेघाट स्थित सरकारी गेस्ट हाउस पहुंचीं। गुंडलपेट तथा ऊटी के विहार सेवकों को धर्म संदेश देते हुए कहा कि दुनिया में प्रत्येक प्राणी किसी ना किसी कारण से दुखी है। सुखी वही है जिसने अपने ज्ञान से आत्मा के स्वरूप को पहचान कर, मोक्ष का मार्ग पहचान लिया हो। प्राणी भले ही किसी भी गति में हो, चाहे नर्क में हो,पशु जीवन हो, मनुष्य के रूप में हो या देवलोक में, वो केवल दुनिया से विरक्ति और अपनी साधना से ही परम सुख प्राप्त कर सकता है। जैसी आपकी प्रवृत्ति होती है, वैसी ही आपकी नियती हो जाती है। कठोर स्वभाव वाले व्यक्ति का कोई भी सम्मान नही करता है, जबकि मृदु स्वभाव वाले व्यक्ति समाज और परिवार में हमेशा प्रतिष्ठा और मान्यता प्राप्त करते हैं।