मंत्री ने कहा, मैं हिंदू हूं, लेकिन आरएसएस का सदस्य नहीं। क्या आरएसएस में रहने वाले ही सिर्फ हिंदू हैं? यह कैसी नीति है? आरएसएस समाज में ऐसा माहौल बना रहा है कि सिर्फ उसके लोग ही देशभक्त हैं।
मंत्री दिनेश गुंडूराव ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आरएसएस पंजीकृत ही नहीं है, तो उसकी केंद्रीय कार्यालय, सदस्य और पदाधिकारी कैसे हैं?
उन्होंने कहा, भाजपा BJP नेता खुद को आरएसएस का सदस्य बताते हैं। अगर संगठन पंजीकृत नहीं है, तो इसकी वैधता क्या है? छोटी से छोटी संस्थाएं भी पंजीकृत होती हैं।
मंत्री ने आगे कहा, आरएसएस RSS की संपत्ति है, लोग दान देते हैं, यह कहा जाता है। तो किसने कितना दान दिया, उसका हिसाब होना चाहिए। अगर संस्था पंजीकृत नहीं है, तो इतनी बड़ी मात्रा में दान कैसे आता है? पारदर्शिता जरूरी है। जब हम सवाल पूछते हैं, तो हमें देशद्रोही कहा जाता है।
मंत्री ने कहा, मैं हिंदू हूं, लेकिन आरएसएस का सदस्य नहीं। क्या आरएसएस में रहने वाले ही सिर्फ हिंदू हैं? यह कैसी नीति है? आरएसएस समाज में ऐसा माहौल बना रहा है कि सिर्फ उसके लोग ही देशभक्त हैं।
उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी टिप्पणी की और कहा, भागवत को गोलवलकर के बारे में बोलना चाहिए था, लेकिन उन्होंने टैगोर, नेताजी और सरदार पटेल का जिक्र किया। उनका आरएसएस से क्या संबंध? आरएसएस में कपट है। वे कहते हैं कि देश निर्माण के लिए आए हैं, लेकिन उन्होंने देश के लोगों के बीच फूट पैदा की है। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले कौन थे और वे किस विचारधारा से जुड़े थे, यह सबको याद रखना चाहिए।"
कुमारस्वामी के बयान पर जवाब
जब पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि विधानसौधा में ही आतंकवादी हैं, तो गुंडूराव ने पलटवार करते हुए कहा, अगर उन्हें ऐसी जानकारी है तो वे केंद्र की एजेंसियों से जांच करवाएं। वे अक्सर बिना सबूत के बातें करते हैं। उनकी कर्नाटक के विकास में कोई ठोस भूमिका नहीं रही है।