प्रारंभिक जानकारी के अनुसार स्कूल अधिकारियों, सहपाठियों और परिवार को बच्ची के गर्भवती होने की जानकारी नहीं थी। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है।
राज्य Karnataka के यादगीर जिले के शाहपुर स्थित सरकारी आवासीय विद्यालय Government Residential School में नौवीं कक्षा की एक छात्रा के मां बनने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। छात्रा ने बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे विद्यालय के शौचालय में एक बच्चे को जन्म दिया। यह मामला गुरुवार को प्रकाश में आया। मां और बच्चा दोनों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चिकित्सकों के अनुसार दोनों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इन्हें प्रक्रिया के अनुसार बाल मंदिर में स्थानांतरित किया जाएगा।
कर्नाटक राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (केएससीपीसीआर) ने पूरे मामले का स्वतः: संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। हॉस्टल वार्डन और अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। निलंबन और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। लापरवाही और संभावित बाल शोषण या बाल विवाह Child Marriage के संबंध में भी जांच है। छात्रा और उसके परिवार को परामर्श सहायता प्रदान की गई है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार स्कूल अधिकारियों, सहपाठियों और परिवार को बच्ची के गर्भवती होने की जानकारी नहीं थी। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है।
केएससीपीसीआर Karnataka State Commission for Protection of Child Rights के सदस्य शशिधर कोसाम्बे ने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अपर्याप्त स्वास्थ्य निगरानी और लापरवाह स्कूल पर्यवेक्षण सहित कई खामियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनके अनुसार अधिकारियों और प्रिंसिपल ने केएससीपीसीआर को घटना के बारे में सूचित नहीं किया। केएससीपीसीआर को घटना के बारे में अन्य स्रोतों से ही पता चला।
उन्होंने यादगीर के पुलिस उपायुक्त से घटनास्थल का दौरा करने और स्कूल की प्रिंसिपल, वार्डन, स्टाफ नर्स और अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत औपचारिक मामला दर्ज करने का आग्रह किया।उन्होंने आगे कहा कि आयोग में स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है तथा जिला बाल अधिकार संरक्षण अधिकारी को कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त हर्षल भोयर ने अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा, मैंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा की है और उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और तुरंत एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। प्रथम दृष्टया वार्डन सहित आवासीय विद्यालय के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसायटी को अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश करेंगे।
पुलिस अधीक्षक पृथ्वी शंकर ने बताया कि प्रिंसिपल, वार्डन, स्टाफ नर्स और पीड़िता के भाई के खिलाफ पोक्सो POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और जांच के बाद भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।
गर्भावस्था के कोई लक्षण नजर नहीं आए
स्कूल की प्रिंसिपल बसम्मा ने दावा किया कि उन्होंने पिछले महीने ही पदभार संभाला है। उन्हें गर्भावस्था के कोई लक्षण नजर नहीं आए। जून में स्कूल खुलने के बाद से ही लड़की कई दिनों तक अनुपस्थित रही। लड़की के जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार उसकी उम्र 17 साल 8 महीने है। उसने 5 अगस्त से कक्षा में आना शुरू किया और सिरदर्द व अन्य बीमारियों का हवाला देकर कई दिनों तक अनुपस्थित रही।