छोटी सी गलती होने पर भी पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने की मजबूरी ने छात्रों को निराशा में डाल दिया है।
कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (केएसईएबी) ने चालू शैक्षणिक वर्ष से एसएसएलसी और द्वितीय पीयूसी परीक्षाओं में बैठने वाले रिपीटर्स और निजी उम्मीदवारों को ऑनलाइन पंजीकरण और परीक्षा शुल्क का भुगतान सुविधा प्रदान की है। हालांकि, उम्मीदवारों का कहना है कि यह सुविधा उनके लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। तकनीक ने पूरी प्रक्रिया और जटिल बना छात्रों को परेशानी में डाल दिया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।
छात्रों के लिए इस समय सीमा तक पंजीकरण पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। छात्र और शिक्षाविद एकमत हैं कि बोर्ड तुरंत हस्तक्षेप करे और उन्हें पिन कोड के आधार पर नजदीकी स्कूल चुनने की अनुमति दे और पंजीकरण की तारीख बढ़ाए।
नई ऑनलाइन प्रणाली छात्रों के धैर्य की परीक्षा लेने जैसी है। जैसे ही वे अपना मोबाइल नंबर देकर पंजीकरण शुरू करते हैं, बार-बार आने वाले ओटीपी, पासवर्ड की समस्या और धीमे सर्वर के कारण छात्र निराश हो जाते हैं। छोटी सी गलती होने पर भी पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने की मजबूरी ने छात्रों को निराशा में डाल दिया है।
इस प्रणाली का सबसे अजीब नियम यह है कि छात्र को 958 रुपए परीक्षा शुल्क देने के बाद ही पता चलता है कि पंजीकरण केंद्र के रूप में कौन सा स्कूल आवंटित किया गया है। शुल्क का भुगतान करने के बाद, आवेदन में किसी भी गलती को सुधारने या उन्हें आवंटित स्कूल को बदलने का कोई तरीका नहीं है। इससे छात्र सचमुच असहाय स्थिति में आ गए हैं।