कुछ पीयूसी केंद्रों पर फर्जी होलोग्राम के इस्तेमाल की शिकायतें भी सामने आई हैं। आपूर्ति बहाल होने की कोई स्पष्ट समय-सीमा न होने से सरकार पर जल्द कदम उठाने और राज्यभर में पीयूसी जांच व्यवस्था को सामान्य करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
कर्नाटक में वाहन प्रदूषण जांच Vehicle pollution test (पीयूसी) प्रणाली लगभग ठप हो गई है। परिवहन विभाग कथित तौर पर पिछले करीब एक महीने से अनिवार्य सुरक्षा होलोग्राम स्टिकर की आपूर्ति नहीं की है। इसके कारण राज्यभर में 400 से अधिक पीयूसी केंद्र बंद हो गए हैं।
अधिकांश प्रभावित केंद्र पेट्रोल पंपों पर स्थित हैं, जिससे नियमित प्रदूषण जांच बाधित हुई है और हजारों वाहन चालकों को वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है।कर्नाटक स्टेट पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बी.आर. रविंद्रनाथ ने कहा कि राज्य में करीब 2,600 पीयूसी केंद्र हैं, जिनमें से अधिकांश फिलहाल काम नहीं कर रहे हैं। होलोग्राम स्टिकर के बिना पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करना संभव नहीं है। सुरक्षा होलोग्राम की खरीद और वितरण में देरी के कारण यह संकट पैदा हुआ है।
खरीद प्रस्ताव दो महीने से लंबितएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि होलोग्राम की खरीद का प्रस्ताव पिछले दो महीनों से लंबित है और अब इसे वित्त विभाग को भेजा गया है। करीब एक महीने पहले आपात व्यवस्था के तहत जारी किए गए पांच लाख होलोग्राम स्टिकर Hologram stickers भी खत्म हो चुके हैं।
इस बीच, कुछ पीयूसी केंद्रों पर फर्जी होलोग्राम के इस्तेमाल की शिकायतें भी सामने आई हैं। आपूर्ति बहाल होने की कोई स्पष्ट समय-सीमा न होने से सरकार पर जल्द कदम उठाने और राज्यभर में पीयूसी जांच व्यवस्था को सामान्य करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।