पारंपरिक कक्षाओं में, छात्रों को सीधी पंक्तियों में बैठाया जाता है, जिससे अक्सर शिक्षक का ध्यान केवल आगे बैठे छात्रों तक ही सीमित रहता है। इससे अन्य छात्र खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। हालांकि, अर्धवृत्ताकार U-Shaped व्यवस्था में, सभी छात्र शिक्षक से समान दूरी पर बैठते हैं। इससे बेहतर दृश्यता और बातचीत संभव होती है।
बाल अधिकार कार्यकर्ता नागसिम्हा जी. राव ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता मंत्री मधु बंगारप्पा को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि कर्नाटक भी केरल के स्कूलों Kerala Schools में हाल ही में शुरू की गई यू-आकार (अर्धवृत्ताकार) बैठने की व्यवस्था को अपनाए। चुनिंदा स्कूलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू किया जाए। परिणामों के मूल्यांकन के आधार पर इस नई बैठने की व्यवस्था को अन्य स्कूलों में लागू कर सकते हैं।उनका मानना है कि इस बदलाव से शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों की भागीदारी और कक्षा में आपसी संवाद में काफी सुधार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक कक्षाओं में, छात्रों को सीधी पंक्तियों में बैठाया जाता है, जिससे अक्सर शिक्षक का ध्यान केवल आगे बैठे छात्रों तक ही सीमित रहता है। इससे अन्य छात्र खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। हालांकि, अर्धवृत्ताकार U-Shaped व्यवस्था में, सभी छात्र शिक्षक से समान दूरी पर बैठते हैं। इससे बेहतर दृश्यता और बातचीत संभव होती है।
यह व्यवस्था छात्रों में समानता की भावना पैदा करती है और सभी को कक्षा की चर्चाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।राव के अनुसार केरल के स्कूलों में इस पद्धति के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बेहतर शिक्षण परिणाम, बेहतर कक्षा वातावरण और छात्रों की अधिक आत्मविश्वास पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित हुई है।