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मुख्यमंत्री ने बच्चों को पिलाई ‘दो बूंद जिंदगी की’

अगर आपके घर में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, तो 24 दिसंबर तक, अपने पास के पोलियो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उन्हें पोलियो का टीका लगवाएं और पोलियो मुक्त भारत अभियान में शामिल हों।

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दो बूंद जिंदगी की

पोलियो मुक्त भारत अभियान में शामिल हों

-सभी से पल्स पोलियो अभियान में हिस्सा लेने की अपील की

मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने रविवार को अपने गृह कार्यालय कृष्णा में बच्चों को पोलियो की खुराक पिता कर पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, अगर आपके घर में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, तो रविवार से 24 दिसंबर तक, अपने पास के पोलियो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उन्हें पोलियो का टीका लगवाएं और पोलियो मुक्त भारत अभियान में शामिल हों। पोलियो की दो बूंदे बच्चों को स्थाई निःशक्तता से बचाएगी।

इस अवसर पर बच्चों को खेल-खेल में सीखने वाली किट भी वितरित की गई। गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। तीनों ने सूचना, शिक्षा और संचार (आइसी) पोस्टर का विमोचन किया।

हर बच्चे को पोलियो से सुरक्षित करना हम सब की जिम्मेदारी : स्वास्थ्य मंत्री

मंत्री गुंडूराव ने सभी अभिभावकों से पांच वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से पोलियो की दो बूंद पिलाने की अपील की। यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत में वर्षों से चल रहे सतत टीकाकरण और जागरूकता अभियानों के कारण पोलियो पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है। वर्ष 1978 में शुरू हुआ यह अभियान पिछले 14 वर्षों से भारत को पोलियो-मुक्त बनाए हुए है। हालांकि, पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अब भी पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए सतर्कता बेहद आवश्यक है। भारत को पोलियो मुक्त देश के रूप में निरंतर बनाए रखने और सशक्त नागरिक समाज के निर्माण के लिए पोलियो की बूंदें अत्यंत आवश्यक हैं।

62,40,114 बच्चों को कवर करने का लक्ष्य

मंत्री ने बताया कि अगले 2-3 दिनों तक घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी। इस अभियान में 62,40,114 बच्चों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है और इसे 100 प्रतिशत हासिल किया जाएगा। राज्यभर में अभियान को सफल बनाने के लिए 33,258 बूथ, 1,030 मोबाइल टीमें, 1,096 ट्रांजिट टीमें, 1,13,115 टीकाकरण कार्यकर्ता और 7,322 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।