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40 हजार से अधिक छात्रों के पंजीकरण को लेकर असमंजस

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सभी पात्र छात्रों का पंजीकरण प्राथमिकता के आधार पर हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। निर्देशों के अनुसार, अधिकारी सभी सरकारी, अनुदानित, गैर-अनुदानित और निजी विद्यालयों का दौरा कर पंजीकरण में हुई विसंगतियों की जांच करेंगे।

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जांच की जाएगी कि 40,434 से अधिक छात्र परीक्षा के लिए पंजीकृत क्यों नहीं हो सके

मामले की गंभीरता को देखते हुए केएसइएबी ने शिक्षा विभाग के उप निदेशकों को तत्काल हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए हैं।

कर्नाटक बोर्ड 10वीं (एसएसएलसी) परीक्षा-1 को लेकर बड़ी प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। स्टूडेंट्स अचीवमेंट ट्रैकिंग सिस्टम (एसएटीएस) के आंकड़ों के अनुसार राज्य Karnataka में कुल 8,40,196 छात्र हैं, जिनमें से 7,99,762 छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। शेष 40,434 छात्रों के पंजीकरण को लेकर कर्नाटक स्कूल परीक्षा एवं मूल्यांकन बोर्ड (केएसइएबी) के पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

तत्काल हस्तक्षेप के निर्देश

प्रभावित छात्रों का कहना है कि उन्होंने समय रहते परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन केएसइएबी के रिकॉर्ड में उनके संबंध में कोई ठोस विवरण उपलब्ध नहीं है। उल्लेखनीय है कि परीक्षा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 9 दिसंबर निर्धारित थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए केएसइएबी ने शिक्षा विभाग के उप निदेशकों को तत्काल हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए हैं।

पंजीकरण में हुई विसंगतियों की जांच करेंगे

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सभी पात्र छात्रों का पंजीकरण प्राथमिकता के आधार पर हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। निर्देशों के अनुसार, अधिकारी सभी सरकारी, अनुदानित, गैर-अनुदानित और निजी विद्यालयों का दौरा कर पंजीकरण में हुई विसंगतियों की जांच करेंगे। साथ ही पात्र छात्रों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराया जाएगा।

जिम्मेदार अधिकारियों व संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई

इसके अलावा यह भी जांच की जाएगी कि 40,434 से अधिक छात्र परीक्षा Exam के लिए पंजीकृत क्यों नहीं हो सके। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने कहा है कि किसी भी पात्र छात्र का भविष्य प्रभावित न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।