कर्नाटक के कैब और ऑटो चालकों ने केंद्र की ‘सहकार टैक्सी’ पहल का स्वागत किया है। वर्तमान में, निजी संस्थाएं राइड-हेलिंग ऐप्लीकेशन का स्वामित्व और संचालन करती हैं, जो अक्सर ड्राइवरों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में रखती हैं। यह कैब और ऑटो चालकों के बीच विवाद का एक बड़ा मुद्दा रहा है।
बेंगलूरु. कर्नाटक के कैब और ऑटो चालकों ने केंद्र की ‘सहकार टैक्सी’ पहल का स्वागत किया है। वर्तमान में, निजी संस्थाएं राइड-हेलिंग ऐप्लीकेशन का स्वामित्व और संचालन करती हैं, जो अक्सर ड्राइवरों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में रखती हैं। यह कैब और ऑटो चालकों के बीच विवाद का एक बड़ा मुद्दा रहा है।कर्नाटक के कैब चालकों ने ‘सहकार टैक्सी’ नामक सहकारी राइड-हेलिंग सेवा शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है। कर्नाटक सरकार की अपनी स्वयं की ऐप पेश करने की योजना अभी भी मूर्त रूप नहीं ले पाई है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सहकारी टैक्सी सेवा के लिए सरकार के दृष्टिकोण का खुलासा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में एक ऐसी व्यवस्था स्थापित की जाएगी जिसमें दोपहिया, टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और चार पहिया वाहनों का पंजीकरण किया जा सकेगा। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि इससे होने वाला राजस्व सीधे ड्राइवरों के पास जाएगाबेंगलूरु ऑटो एंड टैक्सी ड्रायवर यूनियन फैडरेशन के अध्यक्ष एम. मंजुनाथ ने बताया कि ऑटो और कैब को उद्योग में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि चालकों के सामने रोजगार की समस्या नहीं रहे। सहकार टैक्सी में किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रभुत्व नहीं दिया गया तो निश्चित रूप् से चालकों को लाभ होगा। इसको लेकर बहुत दिनों से संघर्ष रहे हैं। सहकार टैक्सी से निश्चित रूप से ऑटो व कैब चालकों को लाभ होगा।