18 दिन में पूरे किए 7 प्रयोग
अपने 18 दिनों की अंतरिक्षयात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला ने सभी पूर्व निर्धारित 7 प्रयोगों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इन प्रयोगों की सफलता से न सिर्फ भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को नई दिशा मिलेगी, बल्कि धरती पर दवाओं के विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में किए गए प्रयोगों की अब देश के शीर्ष प्रयोगशालाओं में समीक्षा होगी।
अपनी जीवटता के लिए मशहूर इस सूक्ष्म जीव के अस्तित्व, पुनरुत्थान और प्रजनन व्यवहार पर केंद्रित प्रयोग से यह समझने में मदद मिलेगी कि कठिन परिस्थितियों में ये कैसे जीवित रहते हैं। इसका लाभ धरती पर दवाओं के विकास और अंतरिक्ष की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खुद को बचाने में काम आएगा।
सूक्ष्म गुरुत्वात्वकर्षण कैसे मांसपेशियों को कमजोर करता है और कंकाल की मांसपेशियों के शिथिल होने के पीछे कौन से आणविक तत्व जिम्मेदार हैं। अंतरिक्ष में लागू उपाय पृथ्वी पर बुढ़ापे में मांसपेशियों के कमजोर होने पर काम आ सकेंगे। दवाएं विकसित हो सकती हैं।
लंबे अंतरिक्ष मिशनों या चंद्रमा पर मानव मिशन के दौरान अंतरिक्षयात्रियों के पोषण का एक विकल्प। साथ ही, ऑक्सीजन की कमी पूरा करने का एक जरिया।
दो उपभेदों की तुलनात्मक वृद्धि के अध्ययन से जीवन को सपोर्ट करने वाली प्रणालियों के बारे में अहम जानकारी। लंबी अवधि के मिशनों में हवा और पानी को रीसायकल करने में मददगार।
अंतरिक्ष उड़ानों में भोजन का एक संभावित विकल्प। अंतरिक्ष की परिस्थितियां शैवालों के विकास पैटर्न और आनुवंशिक गतिविधियों को कैसे प्रभावित करती हैं। धरती पर भी उपयोग।
अंतरिक्ष में सलाद के बीजों के अंकुरित होने की जांच। खाने योग्य फसलों के बीजों में वृद्धि और उपज मापदंडों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का अध्ययन। अंतरिक्ष मिशनों के साथ धरती पर खेती के लिए उपयोगी।
सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले का आंख-हाथ समन्वय, संकेत देने की क्षमता और डिजिटल स्क्रीन से जुड़ी समस्याओं पर प्रयोग। यह भविष्य में अंतरिक्षयानों की डिजाइन और कार्यशैली में सुधार के लिए अहम है।