बांसवाड़ा

School Holiday: राजस्थान में मौसम की मार, हर ढाई दिन बाद एक छुट्टी, साल में 145 दिन स्कूल बंद

Rajasthan News: राजस्थान में तय अवकाश के अतिरि€क्त छुट्टी होने पर सरकारी और निजी स्कूलों के लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, जिससे उनके माता-पिता को फीस के नुकसान के साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (पत्रिका)

जितेन्द्र पालीवाल
कड़ाके की सर्दी हो, बिपरजॉय जैसी तूफानी बारिश या आग उगलती गर्मी… चालू शैक्षणिक सत्रों में अभिभावक, बच्चे और स्कूल पूछने लगते हैं कि कल€क्टर ने छुट्टी बढ़ाई है क्या? ऐसा इसलिए कि पिछले सात-आठ वषों में मौसम के बदलते-बिगड़ते मिजाज ने शैक्षिक सत्र में तय अवकाशों को बढ़ा दिया है। ऐसे में अमूमन 145 दिन अवकाश में ही बीत जाते हैं जो कि पूरे शैक्षणिक सत्र का 40 फीसदी है।

राज्य के 1 लाख 8 हजार 910 विद्यालयों में 87 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। मौजूदा सत्र में शीतकालीन अवकाश 5 जनवरी तक था, मगर कड़ाके की सर्दी ने कई जिलों में इसे 13 दिन तक और बढ़ा दिया। पिछले पांच-छह वर्षों में अमूमन हर बार ऐसा हुआ है।

पढ़ाई के साथ पैसे का भी नुकसान

तय अवकाश के अतिरिक्त छुट्टी होने पर सरकारी और निजी स्कूलों के लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, जिससे उनके माता-पिता को फीस के नुकसान के साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है। एक ओर जहां बच्चे घर पर भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। वहीं शिक्षकों को भी सिलेबस पूरा करने की चिंता रहती है।

इसका असर यह हो रहा है कि जल्दबाजी में कोर्स पूरा कराया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने घोषणा की थी कि तेज सर्दी पर ही स्कूलों में छुट्टियां की जाएंगी, लेकिन एक दो दिन करके ये छुट्टियां बढ़ती ही गई। पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

सवाल यह कि सरकार बदलते ही मौसम के संकेत-अनुसंधानों पर आपदा प्रबंधन तो करता ही है, मगर शिक्षा, खासकर विद्यालयीय शिक्षा का कोई ख्याल नहीं आ रहा है। सिर्फ छुट्टियां बढ़ाई जा रही हैं। यही वक्त है जब सालभर बदलते मौसम का विशेषज्ञों से अध्ययन करवाकर शैक्षणिक कैलेंडर नए सिरे से तैयार किया जाए। शिक्षा सत्र संचालन को नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत है।

तीन साल में…

2025 : जनवरी में जयपुर, कोटा , अजमरे, करौली, उदयपुर, राजसमंद, नागौर व कई जिलों में अवकाश बढ़ाया। जयपुर, करौली, टोंक, चित्तौड़गढ़ और कोटा में 18 जनवरी तक इजाफा।
2024 : जनवरी में बीकानेर, नागौर, झालावाड़ में 11 तक सवाई माधोपुर में 8वीं तक के बच्चों की छुट्टियां 16 तक बढ़ाई।
2023 : 25 जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की छुट्टियां 4 दिन तक बढ़ीं। इसी साल जून के दूसरे सप्ताह में बिपरजॉय तूफान के कारण सिरोही, पाली, जालोर और उदयपुर जैसे जिलों में एक दो दिन का अवकाश घोषित।

इन पर करें विचार

  • * जनवरी में प्रवेश, दिसंबर में वार्षिक परीक्षाएं, फिर वार्षिकोत्सव।
  • * मौसम की अनुकूलता के समय सिर्फ पढ़ाई व सहशैक्षणिक गतिविधियां हों।
  • * गर्मी व सर्दी के चरम पर विपरीत मौसम में होमवर्क और प्रोजे€ट वर्क को प्रोत्साहन मिले।
  • * उत्सव, पर्व एवं जयंतियों पर संतुलित अवकाशों पर विचार किया जाए।

विकल्प की जरूरत

  • * ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई के बीच सामंजस्य तलाशे।
  • * सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच अध्यापन में समानता लाने की दरकार।
  • * कोरोनाकाल के अनुभवों का लाभ लेकर विद्यालयों को अपग्रेड किया जा सकता है।
  • * गर्मी और सर्दी के दिन स्थानांतरित और घट-बढ़ रहे हैं। उसी अनुरूप इन अवकाशों को कम-ज्यादा करने पर विचार हो।
  • * छुट्टियों में कक्षानुसार क्रिएटिव टास्क, होमवर्क व प्रोजे€ट्स दें।

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इतनी पढ़ाई जरूरी

इतनी पढ़ाई जरूरी
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई), 2009 के तहत, पढ़ाई के न्यूनतम दिन-घंटे की अनिवार्यता तय।

प्राथमिक स्तर

  • * न्यूनतम 200 दिन/वर्ष
  • * पढ़ाई न्यूनतम 4 घंटे/दिन

उच्च प्राथमिक स्तर

  • * न्यूनतम 220 दिन/वर्ष
  • * न्यूनतम 5 से 6 घंटे पढ़ाई

एक साल में छुट्टियां

52 रविवार, 20 जयंती व उत्सव, 45 ग्रीष्मकालीन, 11 शीतकालीन, 02 दिन कलक्टर अधिकृत, 10 दीपावली, 02 शिक्षक सम्मेलन।

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