नियम विरुद्ध वाहन खरीदने, फर्म विशेष को टेंडर जारी करने सहित कई आरोपों की जांच में पाए गए दोषी, छह साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश, पहले भी हो चुका है निलम्बन, कोर्ट से मिली थी राहत
नियम विरुद्ध वाहन खरीदने, फर्म विशेष को टेंडर जारी करने सहित अन्य कई आरोपों की जांच में दोषी पाए जाने पर राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने बांसवाड़ा जिले की कुशलगढ़ नगरपालिका के अध्यक्ष बबलू मईड़ा को अध्यक्ष एवं सदस्य पद से बर्खास्त कर दिया। वह छह वर्ष तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
स्वायत शासन के निदेशक सुरेश कुमार ओला ने गुरुवार को मईड़ा की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया। विभाग ने मईड़ा को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया है। अब वह अगले 6 वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड सकेंगे। इधर, मईड़ा को पालिकाध्यक्ष पद से हटाने के बाद भी भाजपा के बोर्ड पर कोई खतरा नहीं है। चूंकि बहुमत अब भी पार्टी के पक्ष में है।
6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे
पालिकाध्यक्ष मईड़ा के खिलाफ वाहन खरीदने एवं नियम विरुद्ध फर्म विशेष को टेंडर जारी करने का आरोप लगा था। आरोपों को लेकर दर्ज प्रकरण में उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग, उदयपुर की ओर से जांच विधि विभाग को सौंपी गई थी। जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अध्यक्ष एवं सदस्य के पद से मईड़ा को बर्खास्त कर दिया गया। मईड़ा अगले 6 वर्ष की अवधि तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिए गए।
पदभार सम्भालते ही विवादों में घिरे
पालिकाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही मईड़ा विवादों में घिरे रहे। मईड़ा की कार्यप्रणाली से असन्तुष्ट उनके ही पार्षदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। पहले भी निलम्बन पर 6 माह तक उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था। बाद में कोर्ट से उनके निलम्बन पर रोक लगने के कारण फिर पद सम्भाला। इस बीच उनकी जगह जितेन्द्र अहारी को पालिकाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
अपनों ने ही की थी शिकायत
मईड़ा के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए स्वायत्त शासन विभाग को शिकायत उनकी ही पार्टी के पार्षदों ने की थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके विरुद्ध जांच हुई व आरोप प्रमाणित पाए गए। अब भाजपा सरकार के कार्यकाल में उन पर गाज गिरी है।
ये लगाए थे आरोप
पालिकाध्यक्ष निलम्बित
फिर से इन्हें बनाया जा सकता है अध्यक्ष