Coin Not Accepted In Rajasthan: राजस्थान के कई जिलों में इन दिनों 1 और 2 रुपए के सिक्के बाजार से गायब होते नजर आ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी लोगों को पूरे 5 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
RBI Guideline For Coins: राजस्थान के कई जिलों में इन दिनों 1 और 2 रुपए के सिक्के आम चलन से लगभग गायब होते जा रहे हैं। बाजार में छोटी-छोटी खरीदारी के लिए भी लोगों को पूरे 5 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। माचिस, टॉफी, सुपारी, शैम्पू सैशे या फोटोकॉपी जैसी वस्तुएं, जो पहले 1-2 रुपए में मिल जाती थीं, अब सीधे 5 रुपए में ही दी जा रही हैं। इस स्थिति से आम उपभोक्ता खासकर गरीब और मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है।
यह समस्या केवल किसी एक कस्बे या शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि झालावाड़, बारां, कोटा, भीलवाड़ा सहित कई जिलों में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि उनके पास पहले से जमा 1-2 रुपए के हजारों रुपए के सिक्के अब कोई लेने को तैयार नहीं है। जब वे इन सिक्कों को बैंक में जमा कराने जाते हैं, तो वहां भी कई बार इन्हें स्वीकार नहीं किया जाता। इससे व्यापारियों के लिए चिल्लर एक जंजाल बनती जा रही है।
कई किराना और छोटे दुकानदारों ने बताया कि उनके पास 1-2 रुपए के सिक्कों के 4 से 8 हजार रुपए की तक जमा हो गए हैं। पहले दिनभर की फुटकर बिक्री में सिक्के आसानी से चल जाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। दुकानदार भुगतान सिक्कों में नहीं कर पाते, क्योंकि सामने वाला लेने से मना कर देता है।
कोटा और भीलवाड़ा जैसे शहरों में तो 10 रुपए के सिक्के भी चलन से बाहर होते नजर आ रहे हैं। पेट्रोल पंप, ऑटो चालक और कई दुकानदार 10 का सिक्का लेने से साफ इनकार कर देते हैं। हालात ऐसे हैं कि जिन लोगों के पास ये सिक्के हैं, उन्हें बिचौलियों के पास जाकर बट्टा कटवाना पड़ रहा है। कई जगह 100 रुपए के सिक्कों पर 5 रुपए तक का बट्टा लिया जा रहा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार 1, 2, 5 और 10 रुपए के सभी सिक्के पूरी तरह वैध हैं और चलन में हैं। सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6(1) के अनुसार, एक हजार रुपए तक के भुगतान के लिए सिक्के वैध मुद्रा माने जाते हैं। कोई भी दुकानदार या व्यक्ति इन्हें लेने से मना नहीं कर सकता।
यदि कोई दुकानदार या कारोबारी 1-2 या 10 रुपए के सिक्के लेने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता इसकी शिकायत RBI, बैंक या स्थानीय पुलिस थाने में कर सकता है। ऐसे मामलों में भारतीय मुद्रा अधिनियम और आईपीसी के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।