नियाना जीएसएस पर 5 एमवीए क्षमता का नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इस ट्रांसफार्मर की ओवरहैड चार्ज समेत कुल लागत करीब 90 लाख रुपए है। इस जीएसएस पर पहले से 5 एमवीए के दो तथा 3.15 एमवीए का एक समेत तीन ट्रांसफर्मर लगे हुए थे।
बारां. विद्युत वितरण निगम की ओर से पुराने बारां शहर की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सु²ढ़ कर दिया गया है। इसके लिए शाहाबाद रोड स्थित नियाना जीएसएस पर 5 एमवीए क्षमता का नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इस ट्रांसफार्मर की ओवरहैड चार्ज समेत कुल लागत करीब 90 लाख रुपए है। इस जीएसएस पर पहले से 5 एमवीए के दो तथा 3.15 एमवीए का एक समेत तीन ट्रांसफर्मर लगे हुए थे। अब 3.15 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर को बदल कर 5 एमवीए का लगाया गया है। अब इस जीएसएस पर 5 एमवीए क्षमता के 3 पावर ट्रांसफार्मर हो गए है। इससे जीएसएस की क्षमता काफी बढ़ गई। हजारों उपभोक्ताओं को वॉल्टेज की समस्या से राहत मिलेगी।
इन इलाकों को लाभ
नियाना जीएसएस पर एक और उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाने से जीएसएस से जुड़े मांगरोल रोड, माथना रोड, मांगरोल बाईपास, बालाजी नगर ,भक्ति सागर कॉलोनी, विजय नगर, द्वारिका धाम, गिरिराज धाम, श्रमिक कॉलोनी, भारत नगर, पवन मेटल के पीछे का क्षेत्र, शाहबाद रोड, अंबेडकर सर्किल, प्रेमनगर, सुसावन बस्ती, शिवाजी नगर, लक्ष्मी विहार, शुभ लक्ष्मी नगर, सानिध्य नगर, शाहाबाद दरवाजा, बैरवा बस्ती, मुरलीजी मंदिर, श्योपोरियन बस्ती, मांगरोल दरवाजा, कोलियों का मंदिर, तालाब पाड़ा, नयापुरा, पुराना डोल मेला मार्ग, कुंज विहार कॉलोनी, नारेडा रोड, बरडिया बस्ती, अटरू रोड, चरीघाट रोड, मठ क्षेत्र आदि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। सूूत्रों ने बताया कि नियाना जीएसएस से जुड़े क्षेत्रों में आए दिन ओवरलोड से तार टूटने की समस्या आती रहती थी। इससे आपूर्ति बहाल करने के लिए घंटों तक बिजली बंद रखनी पड़ती थी। आए दिन क्षेत्र के व्यापारियों, दुकानदारों व अन्य उपभोक्ताओं की शिकायते मिलती थी। इसे देखते हुए करीब डेढ़ माह पूर्व गर्मी से पहले ही 5 एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजे गए थे। प्रस्ताव स्वीकृति के बाद से ट्रंांसफार्मर कोआ से मंगवाने व यहां सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे थे।
नियाना 33 केवी जीएसएस पर शनिवार को एक और 5 एमवीए क्षमता का नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इससे जीएसएस की क्षमता काफी बढ़ गई है। ओवरलोड की समस्या से निजात मिलेगी और जीएसएस से जुड़े पुराने शहर में निर्बाद और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी। करीब 65 लाख कीमत है। इसा पर करीब 40 फीसदी ओवरहैड चार्ज होता है। इस तरह अनुमानित करीब 90 लाख की लागत आई है।
अनुराग शर्मा, एईएन (शहर प्रथम) जविविनि