बारां

अनियमितता के आरोप सिद्ध, सहकारी समिति संचालक मंडल भंग

पर्याप्त आय के स्रोत होने के बावजूद लोगों की जमापूंजी चुकाने में नाकाम एवं कई आरोपों से घिरे हरनावदाशाहजी सहकारी समिति संचालक मंडल को भंग करते हुए अतिरिक्त रजिस्ट्रार कोटा ने प्रशासक को संचालन का जिम्मा सौंपा है।

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Oct 11, 2025
source patrika photo

नियम विरुद्ध कार्य करने पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार की कार्रवाई

हरनावदाशाहजी. पर्याप्त आय के स्रोत होने के बावजूद लोगों की जमापूंजी चुकाने में नाकाम एवं कई आरोपों से घिरे हरनावदाशाहजी सहकारी समिति संचालक मंडल को भंग करते हुए अतिरिक्त रजिस्ट्रार कोटा ने प्रशासक को संचालन का जिम्मा सौंपा है। समिति अध्यक्ष केदारलाल नागर एवं संचालक मंडल पर समिति व्यवस्थापक को नियम विरुद्ध हटाने समेत कई अनियमितताओं के आरोप लगे थे। संचालक मंडल द्वारा नियम विरुद्ध कार्य करने के मामले में अतिरिक्त रजिस्ट्रार कोटा ने संचालक मंडल को भंग करते हुए निरीक्षक संदीप जैन को प्रशासक लगाया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 अगस्त को अतिरिक्त रजिस्ट्रार जयपुर, प्रबंध निदेशक केंद्रीय सहकारी बैंक बारां एवं उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बारां के साथ क्षेत्रीय विधायक प्रताप ङ्क्षसह ङ्क्षसघवी के प्राप्त ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के बाद जांच में राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 30 सम्बंधित मामला पाया गया। इसमें हरनावदाशाहजी संचालक मंडल दोषी पाया गया।

जांच में मिला गड़बड़झाला

अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने राजस्थान सोसायटी अधिनियम 2001 के अंतर्गत जांच में संचालक मंडल द्वारा कर्तव्यों के अनुपालन की उपेक्षा एवं सोसायटी के हितों के प्रतिकूल कृत्य किया जाना प्रमाणित पाया गया।

गणेश चतुर्थी पर भी आया था विवाद सामने

कस्बे में गणेश चतुर्थी पर बरसों से गणपति स्थापना करते आ रहे रिद्धि सिद्धि नवयुवक मंडल ने भी सहकारी समिति पर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाता था जिसमें उनका कहना था कि सहकारी समिति के मुख्य दरवाजे पर बरसों से होने वाली गणपति स्थापना पर अध्यक्ष ने मनमाने तरीके से आपत्ति जताकर रोक लगाई थी जिसपर युवाओं ने गहरा आक्रोश जताया था।

लगे थे कई आरोप

अतिरिक्त रजिस्ट्रार के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार हरनावदाशाहजी समिति अध्यक्ष एवं संचालकों द्वारा संचालक मंडल की बैठक में बिना प्रस्ताव पारित कराए एवं नोटिस दिए बिना ही सहायक व्यवस्थापक को पद से कार्यमुक्त करने, समिति कार्यालय पर ताला लगाने, मिनी बैंक के खातेदारों को तीन साल में एक फूटी कौड़ी नही चुकाने, बिना सक्षम अधिकारी से स्वीकृति के समिति में मरम्मत व नवनिर्माण कराने एवं अध्यक्ष द्वारा बिना प्रमाणित यात्राओं का यात्रा भत्ता उठाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। इस पर कार्रवाई करते हुए संचालक मंडल को नोटिस जारी कर साक्ष्य सबूत मांगे गए।

Published on:
11 Oct 2025 10:36 pm
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