बारां

सावन के तीसरे सोमवार पर 1100 वर्ष पुराने नागदा शिवमंदिर में आज गूंजेंगे मंत्र

अंता के समीप प्रसिद्ध ​शिवालय नागदा ​शिव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। यहां पर कुंड में स्नान कर पूजन और ​शिवजी का अ​भिषेक किया जाएगा।

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Aug 05, 2024
अंता के समीप प्रसिद्ध ​शिवालय नागदा ​शिव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। यहां पर कुंड में स्नान कर पूजन और ​शिवजी का अ​भिषेक किया जाएगा।

अंता. नगर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नागदा में नागेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यह हाड़ौती क्षेत्र में अपना अलग धार्मिक महत्व रखता है। यहां लगभग 1100 वर्ष पुराना ​शिवलिंग है। इसे नागेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां मिले अवशेषों के अनुसार इस मंदिर का पुन: निर्माण 350 वर्ष पूर्व राज परिवार द्वारा करवाया गया। यहां के पवित्र कुंड में लगे गोमुख से पूरे वर्ष धारा बहती है। यह पानी आ कहां से रहा है इसकी प्रमाणिकता अब तक पूर्णत: सिद्ध नहीं हो पाई। इस धार्मिक स्थल पर साल के बारहों महीने दूरदराज क्षेत्र तक के लोग पिकनिक मनाने आते हैं। नागदा को कुछ सालों पूर्व पर्यटक स्थल घोषित किया गया। तब यहां के लिए स्वीकृत 18 लाख की राशि से मंदिर परिसर में लाल पत्थर का फर्श किए जाने सहित परिसर के बाहर सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ। बाद में अन्ता, नागदा, रायपुरिया सडक़ के दोहरीकरण का काम हुआ।

धाम पर हैं सात कुंड

इस धार्मिक स्थान पर शिव मंदिर के नीचे बहती कालीसिंध नदी के किनारे यूं तो सात कुंड हैं, लेकिन इनमें से चार मिट्टी में दबे हैं। वहीं तीन पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। इन कुंड में पानी आ कहां से रहा है, इसकी प्रमाणिकता अब तक सिद्ध नहीं हो पाई है। कई विद्यालयों के बालक भी यहां शैक्षणिक भ्रमण पर आते हैं। अब तो यहां कई लोग बच्चों का जन्मदिन मनाने सहित शादी-ब्याह के आयोजन भी यहां पर करने लगे हैं। ऐसे में इस पर्यटक स्थल पर अब भी कई सुविधाओं की दरकार है। नागेश्वर महादेव विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप नागदा के अनुसार मंदिर समिति की ओर से भी यहां रसोई के बर्तन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाने सहित साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

जलती है अखंड ज्योति

यह धार्मिक स्थान पूरे हाड़ौती में एक अपनी अलग पहचान रखता है। शिव मंदिर पर श्रद्धालुओं के सहयोग से पूरे साल देशी घी से अखंड ज्योति भी प्रज्जवलित रहती है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लगने वाले तीन दिवसीय मेले के दौरान नागदा के मुख्य कुंड में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती हैं।

Published on:
05 Aug 2024 12:43 pm
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