कार्य क्षेत्र पर मालिकाना हक के मामले को लेकर किन्नर समाज के दो गुटों में विवाद होने के बाद मामला थाने पहुंच गया। कोतवाली में मंगलवार दोपहर दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन किन्नर व उनके परिचित आदि की भीड़़ पहुंच गई। बाद में एक पक्ष की ओर से लिखित में परिवाद किया गया। इस पर समझाइश कर मामला शांत किया गया।
परिवाद दर्ज कर पुलिस ने की समझाइश
बारां. कार्य क्षेत्र पर मालिकाना हक के मामले को लेकर किन्नर समाज के दो गुटों में विवाद होने के बाद मामला थाने पहुंच गया। कोतवाली में मंगलवार दोपहर दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन किन्नर व उनके परिचित आदि की भीड़़ पहुंच गई। बाद में एक पक्ष की ओर से लिखित में परिवाद किया गया। इस पर समझाइश कर मामला शांत किया गया।
यह था मामला
करीब 15 वर्षो पहले बारां जिले में किन्नर लता आंटी बारां जिले में उनकी सामाजिक व्यवस्था के तहत खुशी के मौके पर लोगों के घर दुकानों पर पहुंचकर बधाइयां देने व दान-दक्षिणा लेने का कार्य करती थी, लेकिन वह यहां से नीमच (मध्यप्रदेश) चली गई। इसके बाद आपसी समझौते के तहत किन्नर खुशबू आंटी जिले में कार्य करने लगी, लेकिन अब कुछ दिनों पहले किन्नर लता आंटी वापस शहर में लौट आई तो दोनों में विवाद हो गया। खुशबू आंटी की ओर से उसके एक चेले के लापता होने तथा उसका ङ्क्षलग परिवर्तन कराने का प्रयास किए जाने की आशंका जताते हुए आरोप लगाया गया है। वहीं, खुशबू आंटी के सहकर्मी सुदर्शन गौतम ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह खुशबू आंटी के पास काम करता है। लता आंटी को वर्ष 2016 में 40 लाख व उसके बाद दो वर्ष पहले भी इसी तरह का विवाद करने पर 30 लाख दिए गए। इस तरह दो किश्तों में करीब 70 लाख रुपए ले चुकी है। इसके अलावा भी हर माह एक-डेढ़ लाख रुपए लेती रही है। चार दिनों से हमारा चेला अंजली गायब है।
इस तरह बनी सहमति
कोतवाली प्रभारी रामबिलास मीणा ने बताया कि लता आंटी की ओर से परिवाद में कहा कि वह अरसे से बारां जिले में कार्य कर रही थी। वर्ष 1993 में वह यह क्षेत्र खुशबू आंटी को सौंपकर नीमच चली ओर वहां रहकर कार्य करने लगी। अब वह जब तक जीवित है बारां में रहकर पहले की तरह कार्य करेगी, लेकिन खुशबू आंटी इस पर सहमत नहीं है। इस पर मंगलवार को दोनों पक्षों को बुलाया गया तथा समझाइश की गई। इस दौरान खुशबू आंटी का कहना था कि यह बारां में भी काम करती है तो वह भी नीमच में कार्य कर सकती है। इस पर लता को दिक्कत नहीं होना चाहिए। बाद में समझाइश से मामला शांत हो गया।