बारां

मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं ही श्रेष्ठ, यही हमारी सनातन परंपरा

सन्तों का कहना है कि इष्टदेव की पूजा में प्राकृतिक चीजें ही फलदायी होती हैं। इसीलिए पूजा के बाद विसर्जित की जाने वाली हर मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है। वह लक्ष्मी गणेश की मूर्ति हो या गौरा शंकर की।

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Sep 06, 2024
सन्तों का कहना है कि इष्टदेव की पूजा में प्राकृतिक चीजें ही फलदायी होती हैं। इसीलिए पूजा के बाद विसर्जित की जाने वाली हर मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है। वह लक्ष्मी गणेश की मूर्ति हो या गौरा शंकर की।

पत्रिका की मुहिम का असर, संतों ने भी किया समर्थन

Dharma-Karma News : बारां . पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए पत्रिका की ओर से गणेश चतुर्थी पर घर-घर सृजन अभियान शुरू किया गया है। प्राकृतिक चीजों व मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमाएं घर घर विराजित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल के समर्थन में बड़ी संख्यां में शहरवासी आगे आ रहे हैं। वहीं अभियान से जुडकऱ शहर के संतों व गुरुओं ने भी मिट्टी की गणेश प्रतिमा का महत्व बताया।

सन्तों का कहना है कि इष्टदेव की पूजा में प्राकृतिक चीजें ही फलदायी होती हैं। इसीलिए पूजा के बाद विसर्जित की जाने वाली हर मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है। वह लक्ष्मी गणेश की मूर्ति हो या गौरा शंकर की। अनादिकाल से मिट्टी की मूर्तियां बनाकर पूजा करने और उनको विसर्जित करने की हमारी परंपरा है। सन्तों ने कहा कि आजकल मिट्टी के अलावा दूसरी तमाम अप्राकृतिक चीजों से बनी मूर्तियां बाजार में रही हैं। यह आकर्षक तो लगती हैं, लेकिन हमारी परंपरा के साथ पर्यावरण को भी बिगाड़ रही हैं।

गकारश्च ज्ञान वाचको, प्राकारश्च निर्माण वाचक …अर्थात गणेश ज्ञान निर्माण के प्रतीक हैं। फिर आज अज्ञान और विकृति को क्यों पनपाया जा रहा है। प्रकृति में रहना विकृति को उखाड़ फेंकना और संस्कृति की अर्चना करना ही सच्चा गणेश पूजन है। मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं स्थापित करना ही श्रेष्ठ व श्रेयस्कर है।

शंभुदयाल गोस्वामी, नागदाधाम, अंता

आदि शक्ति भवानी मां जगदंबा ने मिट्टी की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठित किए थे। शिव कृपा से गणेश सृजन हुआ था। आज के धन युग में धर्मस्वरूप विकृत हो रहा है। देव आराधना में स्वच्छंदाचार अपराध है। मिट्टी की गणेश प्रतिमा ही सनातन संस्कृति अर्चना है।

मधुसूदन दास, प्रेमधाम आश्रम वाटिका, किशनगंज

मिट्टी में स्वाभाविक पवित्रता होती है। क्योंकि मिट्टी मनुष्य की कृति न होकर भगवान की कृति है। मिट्टी से बनी प्रतिमा में पवित्रता शुद्धता बनी रहती है। शास्त्रों में भी मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा अर्चना का वर्णन आता है। पांचों तत्वों की प्रधानता मिट्टी के गणेशजी को खास बना देती है।

आचार्य परमानंद, काठियाबाबा आश्रम, बारां

सनातन धर्म में गणेशजी की पूजा सबसे पहले होती है। गणेश प्रतिमा मिट्टी से बनाकर पूजा करें। शिव महापुराण में कई बार धातु व अन्य वस्तुओं की अपेक्षा पार्थिव प्रतिमा को महत्व दिया है। प्लास्टर ऑफ पेरिस प्रकृति विरूद्ध है, यानी इससे प्रदूषण फैलता है। इसलिए शास्त्रों में निषेध है।

पंडित दुर्गाशंकर, पुजारी श्रीजी मंदिर, बारां

Published on:
06 Sept 2024 11:39 am
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