संदिग्ध बैंक खातों में राशि को रोका गया। न्यायालय के माध्यम से 2 लाख 30 हजार रुपए पीडि़ता को वापस दिलवाए गए।
न्यायालय के माध्यम से 2 लाख 30 हजार रुपए वापस दिलवाए
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बारां. पुलिस ने शहर में सेवानिवृत्त शिक्षिका से 5 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिला पुलिस अधीक्षक बारां अभिषेक अंदासु ने बताया कि दिनांक 20 दिसंबर 24 को अयोध्या गौतम निवासी न्यू नाकौडा कॉलोनी ने साइबर थाने में ठगी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामले में देवेन्द्र ङ्क्षसह पुत्र श्याम ङ्क्षसह 23 निवासी लखमनियावास भीलवाड़ा, कमलेश कुमार शर्मा पुत्र बालमुकन्द्र शर्मा 21 साल निवासी बन का खेडा पुलिस थाना भीलवाडा को गिरफ्तार किया है।
यह था मामला
अयोध्या ने बताया कि 19 दिसंबर को उनके मोबाइल पर किसी का कॉल आया। उसने कहा कि वो ट्रेजरी ऑफिसर बोल रहा है। उसने मेरी पूरी व्यक्तिगत जानकारी देकर कहा कि आपके पीपीओ नम्बर का सत्यापन नहीं हुआ है। ऐसे में आपकी पेंशन रुक सकती है। ठगों ने मुझे वाट््सअप पर एक फार्म ङ्क्षलक भेजकर बैंक की जानकारी व अन्य जानकारी भरकर भेजने को कहा। जानकारी भरकर भेजने के बाद मुझे एटीएम में बैलेन्स चैक करने को कहा गया। तब बैंक खाते में पूरे पैसे थे, मगर बाद में बैंक खाते से 507500/-रूपये कटने का मैसेज आया। इस पर मुझे पता चला कि ठगी हो गई है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की।
खातों में रकम रोकी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बारां राजेश चौधरी के सुपरविजन में अशोक चौधरी पुलिस निरीक्षक की टीम का गठन किया गया। इसके बाद संदिग्ध बैंक खातों में राशि को रोका गया। न्यायालय के माध्यम से 2 लाख 30 हजार रुपए पीडि़ता को वापस दिलवाए गए। पुलिस ने ठगी गई राशि देवेन्द्र ङ्क्षसह व कमलेश शर्मा के बैंक खातो में जमा होना पाया गया। उक्त दोनों को तलब कर पूछताछ की गई। इसमें दोनों ने 15000-15000 हजार रुपए में अपने बैंक खाते व मोबाइल सिम साइबर ठगी में प्रयोग करने के लिए किराये से देना बताया। प्रकरण में बैंक खाते खरीदने व फरियादी से ठगी गई शेष राशि के सम्बन्ध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।