सदर थाना पुलिस सोमवार दोपहर बाद से कोटड़ी सूंडा व कोयला गांव में डेरा जमाए रही। इस दौरान एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाने के लिए घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया।
पार्वती नदी में मिला था चिकित्सक का शव
हत्या की आशंका, परिजन बोले-जांच कर दोषियों को दी जाए सजा
बारां. निकटवर्ती कोयला पीएचसी पर कार्यरत चिकित्सक वैभव चावला की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु के मामले में पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। सदर थाना पुलिस सोमवार दोपहर बाद से कोटड़ी सूंडा व कोयला गांव में डेरा जमाए रही। इस दौरान एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाने के लिए घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया। ग्रामीणों व अन्य संबंधितों से भी जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन फिलहाल ठोस सबूत नहीं मिले है। वहीं परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया तथा प्रकरण की गहनता से जांच कर जघन्य अपराध में शामिल लोगों को कढ़ी सजा देने की मांग की है। इस घटना से जिले के चिकित्सा जगत में सनसनी है।
सभी पहलुओं पर जांच
सदर थाना प्रभारी हीरालाल पूनिया ने बताया कि रविवार दोपहर बाद कोयला पीएचसी पर कार्यरत चिकित्सक कोटा जिले के इटावा निवासी डॉ. वैभव चावला (27) पुत्र गोपाल लाल आर्य का शव कोटड़ी सूंडा के निकट पार्वती नदी में मिला था। नदी पर उसकी बाइक, जूते व मोबाइल भी मिले थे। सोमवार दोपहर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। परिजनों की रिपोर्ट पर मृग दर्ज कर सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
दोषियों को फांसी हो
जिला अस्पताल में मृतक के पिता ने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बेटा ऐसी कायराना हरकत नहीं कर सकता। किसी ने उसके साथ वारदात की है या किसी ने करवाई है। जिसने भी यह जघन्य अपराध किया है, उसे फांसी होनी चाहिए। वैभव किसी तरह से परेशान नहीं था। उनकी उससे रोज बात होती थी। पूर्व में एक दिन लेट पहुंचने पर उसे चार्जशीट देकर छबड़ा लगा दिया था। इससे स्थायीकरण होने में दिक्कत आने के चलते परेशान था। उस समय डॉ. अरविन्द ने उसे अपशब्द कह कर प्रताडि़त भी किया था। उन्होंने रविवार रात को पुलिस को दी रिपोर्ट में घटना की जांच कर वारदात का खुलासा करने और न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई है।
एक दिन पहले मिले थे स्थायी के आदेश
पूर्व में प्रोबेशन पीरियड के दौरान ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. अरविन्द नागर ने उसकी एक दिन की छुट्टी लगा दी थी तथा चार्जशीट बनाकर भेज दी थी। इससे स्थायी नियुक्ति होने में समस्या को लेकर वह मुझसे मिला था, लेकिन उसकी मृत्यु से एक दिन पहले ही निदेशालय स्तर से उसके स्थायीकरण के आदेश हो गए थे।
डॉ. संजीव सक्सेना, सीएमएचओ