शहर में अवैध निर्माणों पर बीडीए ने शिकंजा कस दिया है। अब बीडीए की निगाहें सिर्फ गलियों या कालोनियों तक सीमित नहीं, बल्कि बड़े होटलों, शोरूम और बारातघरों तक जा पहुंची हैं। शहर में तेजी से फैलते अवैध निर्माण और तालाबों की जमीन पर कब्जे ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
बरेली। शहर में अवैध निर्माणों पर बीडीए ने शिकंजा कस दिया है। अब बीडीए की निगाहें सिर्फ गलियों या कालोनियों तक सीमित नहीं, बल्कि बड़े होटलों, शोरूम और बारातघरों तक जा पहुंची हैं। शहर में तेजी से फैलते अवैध निर्माण और तालाबों की जमीन पर कब्जे ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, बीडीए ने पुलिस प्रशासन से मिली रिपोर्ट और खुद किए गए सर्वे के आधार पर 100 से ज्यादा होटल, शोरूम और बारातघरों की सूची तैयार की है। जांच में खुलासा हुआ है कि इनमें से ज्यादातर भवन या तो बिना स्वीकृत नक्शे के बनाए गए हैं, या फिर पास हुए नक्शे से हटकर तले पर तला जोड़ दिया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें कई निर्माण तालाबों की जमीन और सीलिंग क्षेत्र में खड़े किए गए हैं।
26 सितंबर को शहर में हुए बवाल के बाद प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर निगरानी और कड़ी कर दी थी। उसी दौरान बीडीए की टीमों ने शहर के प्रमुख इलाकों—कैंट, इज्जतनगर, सिटी एरिया और रोडवेज के आसपास के क्षेत्रों—में निर्माणों का सर्वे शुरू किया। तभी से कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अब तक बीडीए 15 से ज्यादा भवनों को सील कर चुका है, जबकि दर्जनों और इमारतों की फाइलें जांच के चरण में हैं। बताया जा रहा है कि सर्वे पूरी तरह खत्म होते ही अगले चरण की कार्रवाई में कई नामी भवनों पर बुलडोजर चल सकता है।
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मणिकंडन ने कहा कि शहर में बिना स्वीकृत नक्शे के कोई भी निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। “जो भी लोग नियमों की अनदेखी कर निर्माण कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। बीडीए का मकसद शहर को अव्यवस्थित विकास से बचाना है। बीडीए की इस मुहिम से शहर के बिल्डरों और कॉलोनाइजरों में खलबली मची हुई है। वहीं जिन इलाकों में कार्रवाई हुई है, वहां लोग एहतियातन अपने निर्माण के कागजात खंगालने लगे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बीडीए की बड़ी कार्रवाई शहर के कई हिस्सों में देखने को मिल सकती है।