औद्योगिक विस्तार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) भू-उपयोग नियमों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। शुक्रवार को होने वाली बीडीए बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए नियम लागू होने पर उद्यमियों को अधिकतम भूमि उपयोग की अनुमति मिलेगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
बरेली। औद्योगिक विस्तार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) भू-उपयोग नियमों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। शुक्रवार को होने वाली बीडीए बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए नियम लागू होने पर उद्यमियों को अधिकतम भूमि उपयोग की अनुमति मिलेगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
बीडीए के सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 (संशोधित 2023) के तहत प्रस्तर-3.5.1, 3.4.4 और 1.2 में संशोधन किए गए हैं। इन संशोधनों को बीडीए में लागू करने से स्थानीय उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।
औद्योगिक भूखंड पर वर्तमान में 60% भू-आच्छादन की सीमा को बढ़ाकर 80% किया जाएगा।
अभी तक 12,000 वर्गमीटर क्षेत्र तक 60% और उससे अधिक क्षेत्र पर 55% भू-आच्छादन की अनुमति थी। नए नियमों के तहत:
500 वर्गमीटर तक 80% भू-आच्छादन।
500 से 1000 वर्गमीटर तक 75% भू-आच्छादन।
1000 से 10,000 वर्गमीटर तक 70% भू-आच्छादन।
10,000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र पर 65% भू-आच्छादन की अनुमति।
वर्तमान में एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) 1.0 से 1.5 है, जिसे बढ़ाकर 1.5 से 2.0 किया जाएगा।
फ्लैटेड फैक्ट्रीज के निर्माण के लिए एफएआर 2.5 से 3.0 तक बढ़ाया जाएगा।
12,000 वर्गमीटर तक की फैक्ट्रियों को 3.0 एफएआर, जबकि इससे अधिक क्षेत्रफल की फैक्ट्रियों को 2.5 एफएआर मिलेगा।
यदि उद्योगों को अधिक निर्माण की आवश्यकता होगी, तो अतिरिक्त 1.0 एफएआर क्रय योग्य रहेगा।
बीडीए के प्रस्तावित बजट में विभिन्न योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।
841.60 करोड़ रुपये भू-अधिग्रहण पर।
593 करोड़ रुपये विकास कार्यों और योजनाओं के लिए।
5 करोड़ रुपये इनवर्टिस यूनिवर्सिटी और रामपुर रोड पर नए चौराहे के निर्माण के लिए।
5 करोड़ रुपये पीलीभीत बाईपास से नकटिया नदी सेतु तक सड़क चौड़ीकरण के लिए।
3 करोड़ रुपये बदायूं रोड की करगैना योजना में विकास कार्यों पर।
1 करोड़ रुपये भाऊराव देवरस आवासीय योजना में विकास कार्यों के लिए।
500 करोड़ रुपये नाथधाम अन्य आवासीय परियोजनाओं के लिए।
241 करोड़ रुपये ग्रेटर बरेली के अवशेष भूमि अधिग्रहण के लिए।
बीडीए को इन योजनाओं के लिए विभिन्न स्रोतों से राजस्व प्राप्त होगा:
550 करोड़ रुपये रामगंगानगर और ग्रेटर बरेली आवासीय योजनाओं से भूखंडों की बिक्री से।
200 करोड़ रुपये शासन से अनुदान के रूप में।
30 करोड़ रुपये स्काई-वे अपार्टमेंट (पुराना कार्यालय भवन) से।
15 करोड़ रुपये शमन शुल्क से।
10 करोड़ रुपये मानचित्र पास करने से।
25 करोड़ रुपये विकास शुल्क से।
70 करोड़ रुपये फ्री होल्ड और स्टांप ड्यूटी से।
इन प्रस्तावित संशोधनों से बरेली के उद्यमियों को औद्योगिक विस्तार में बड़ी राहत मिलेगी। एफएआर और भू-आच्छादन सीमा बढ़ने से उद्योगों को अधिक निर्माण की अनुमति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बीडीए बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।