19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो मुकदमों में वांटेड को बरेली से एसओजी ने उठाया, बीमारी का बहाना कर 24 घंटे में ही छोड़ा

करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी के मामले के मास्टरमाइंड तिलक तिवारी को गुरुवार को एसओजी और बदायूं पुलिस ने बरेली के ग्रीन पार्क से गिरफ्तार किया था। लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते कि सिविल लाइंस थाने से जमानत पर छोड़ दिया।

2 min read
Google source verification

आरोपी तिलक तिवारी

बरेली/बदायूं। करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी के मामले के मास्टरमाइंड तिलक तिवारी को गुरुवार को एसओजी और बदायूं पुलिस ने बरेली के ग्रीन पार्क से गिरफ्तार किया था। लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते कि सिविल लाइंस थाने से जमानत पर छोड़ दिया। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने जानबूझकर आरोपी को कोर्ट में पेश किए बिना राहत दे दी। मामला इतना गंभीर है कि इसमें लगे आरोपों में आजीवन कारावास तक की सजा है। फिर भी तिलक तिवारी इतनी आसानी से बाहर आ गया।

सिविल लाइंस मंडी समिति के सिपाहियों ने जिला अस्पताल में कराया भर्ती

सिविल लाइंस थाने के मंडी समिति के सिपाही लवलेश और सुरेंद्र की देखरेख में आरोपी को पहले बदायूं जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में हृदय रोग की शिकायत के चलते उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस हरेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत दी गई।

ढाई माह में दो मुकदमे, दर्जनों शिकायतें

पीड़ित विनोद कुमार गुप्ता ने 18 सितंबर को एसएसपी बदायूं से शिकायत की। इसके आदेश पर थाना सिविल लाइंस पुलिस ने तिलक तिवारी, कमला तिवारी और संदेश पटेल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद 9 नवंबर को पीड़ित आदित्य कुमार गुप्ता ने भी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दूसरी रिपोर्ट दर्ज की। इन दो एफआईआर के अलावा दर्जनों शिकायतें पुलिस को मिलीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

फर्जी इंतखाब दिखाकर वसूलता था करोड़ों

तिलक तिवारी को जमीन ठगी नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जाता है। पहले आदित्य कुमार गुप्ता के साथ बैनामा घोटाला, फिर 25 बीघा जमीन के नाम पर 15 लाख रुपये की ठगी। आरोप है कि वह दादी कमला तिवारी के नाम की जमीन दिखाकर फर्जी इंतखाब तैयार कराता, एडवांस वसूलता और पीड़ितों को ठगता था। एसओजी और पुलिस की गिरफ्तारी से पहले तो पीड़ितों में उम्मीद जगी थी कि ठगी के बड़े तंत्र पर शिकंजा कसा जाएगा। लेकिन 24 घंटे के भीतर आरोपी को थाने से बाहर छोड़ दिए जाने ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया।

पुलिस और प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

स्थानीय लोग और पीड़ित आरोप लगाते हैं कि तिलक तिवारी को राजनीतिक और प्रभावशाली संरक्षण प्राप्त है। पहले दर्जनों शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना ही इसकी पुष्टि करता है। अब सवाल यह है कि जब दो मुकदमों का वांटेड आरोपी पुलिस की पकड़ में था, तो इतनी जल्दी जमानत क्यों दी गई। बदायूं में अब आवाज उठने लगी है अगर आरोपी इसी तरह थाने से बाहर आते रहे, तो जमीन ठगी का बड़ा नेटवर्क और मजबूत होगा। पीड़ित और आम जनता में पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर भारी रोष फैल गया है, और शहर में आरोपियों के लिए सुरक्षित घोंसला बनने का खतरा बढ़ गया है।


बड़ी खबरें

View All

बरेली

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग