दरगाह आला हजरत पर अभिनेता अली खान ने चादरपोशी कर अकीदत पेश की, जहां उन्होंने जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. फरमान हसन खान उर्फ फरमान मियां की मजहब से ऊपर उठकर की जा रही समाजसेवा की खुलकर सराहना की। इससे पहले अभिनेता आरिफ जकरिया और फिल्म निर्माता अकबर खान भी दरगाह पर हाजिरी लगाकर फरमान मियां के शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव सेवा से जुड़े कार्यों को देश के लिए मिसाल बता चुके हैं।
बरेली। दरगाह आला हजरत एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। शुक्रवार को बॉलीवुड अभिनेता अली खान दरगाह आला हजरत पहुंचे और चादरपोशी कर अकीदत पेश की। इस दौरान उन्होंने जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. फरमान हसन खान उर्फ फरमान मियां द्वारा किए जा रहे समाजसेवी कार्यों की खुलकर सराहना की। इससे पहले अभिनेता आरिफ जकरिया और फिल्म निर्माता अकबर खान भी दरगाह पर हाजिरी लगा चुके हैं। तीनों हस्तियों ने एक स्वर में फरमान मियां के कार्यों को मजहब से ऊपर उठकर इंसानियत की सच्ची सेवा बताया।
फरमान मियां उर्स-ए-रज़वी जैसे बड़े आयोजनों में चिकित्सा शिविर लगवाने से लेकर रमज़ान के दौरान सामाजिक समन्वय तक हर मोर्चे पर सक्रिय रहते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, नशा मुक्ति और युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का काम जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के माध्यम से लगातार किया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में फरमान मियां ने अब तक एक हजार से अधिक बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा, कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई और NEET, UPSC व यूपी बोर्ड की मुफ्त कोचिंग उपलब्ध कराई। इन प्रयासों का नतीजा यह है कि 33 छात्र NEET में चयनित होकर डॉक्टर बन चुके हैं, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के छात्र शामिल हैं।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में ‘आला हजरत ताजुश्शरिया वेलफेयर सोसाइटी’ के जरिए 1700 से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज कराया गया है। कैंसर, बायपास सर्जरी, कूल्हा प्रत्यारोपण और डायलिसिस जैसे महंगे इलाज भी पूरी तरह निशुल्क कराए गए। हर सप्ताह महिला स्वास्थ्य और नेत्र शिविर लगाए जा रहे हैं। कोरोना काल में भी फरमान मियां और उनकी टीम ने ऑक्सीजन, दवाइयों और इलाज की व्यवस्था कर मिसाल कायम की।
फरमान मियां को भारत सरकार के कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय द्वारा भारत गौरव रत्न सम्मान से नवाजा जा चुका है। टीबी मुक्त भारत अभियान, महिला अधिकार और मानवाधिकार सेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मान मिले हैं। यहां तक कि उनके कार्य यूपीएसएससी और यूपी पीसीएस की परीक्षाओं में भी सवाल बन चुके हैं।
डॉ. फरमान हसन खान कहते हैं मदद के लिए न धर्म देखा जाता है, न जाति सिर्फ इंसान देखा जाता है। कुल मिलाकर, दरगाह आला हजरत की चौखट से उठी सेवा की यह आवाज अब बॉलीवुड से लेकर सरकारी गलियारों तक गूंज रही है और फरमान मियां समाजसेवा की एक मजबूत पहचान बन चुके हैं।
आरिफ जकारिया की हिट और लोकप्रिय फिल्मों में राज़ी, कृष 3, हॉन्टेड, माई नेम इज़ खान और हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, जैसी फिल्में शामिल हैं, जिनमें उन्होंने यादगार भूमिकाएँ निभाई हैं और उन्हें काफी सराहना मिली है। वहीं अकबर खान एक भारतीय अभिनेता, पटकथा लेखक, निर्माता और निर्देशक हैं, जो अपने भाई फिरोज खान और संजय खान के छोटे भाई के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने 'ताज महल, एन इटर्नल लव स्टोरी', 'हादसा', 'फालतू' और 'अंजन राहें' जैसी फिल्मों में काम किया है और निर्देशित किया है, और टेलीविजन सीरियल 'द स्वॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान' और 'अकबर द ग्रेट' के लिए भी जाने जाते हैं