मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनशिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) को और प्रभावी व सशक्त बनाने के लिए बरेली जोन पुलिस ने अब बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। गया है। 31 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए आदेशों के अनुपालन में एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा ने सोमवार को जोनल सभागार में विशेष कार्यशाला की।
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनशिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) को और प्रभावी व सशक्त बनाने के लिए बरेली जोन पुलिस ने अब बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। गया है। 31 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए आदेशों के अनुपालन में एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा ने सोमवार को जोनल सभागार में विशेष कार्यशाला की। इसमें बरेली और मुरादाबाद परिक्षेत्र के सभी जिलों के आईजीआरएस प्रभारियों व सहयोगियों ने हिस्सा लिया। एडीजी रमित शर्मा ने कहा कि जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण ही पुलिस अधिकारियों को असली पहचान देगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अब पुलिस अधिकारियों के काम का पैमाना बनेगा। उन्होंने आदेश दिया कि थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक रोजाना कम से कम एक घंटे की जनसुनवाई अनिवार्य की जाए। लापरवाही मिलने पर किसी भी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही तय होगी। आईजीआरएस में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। वहीं जोन के शिकायत प्रकोष्ठ के प्रभारी गीतेश कपिल और उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर एडीजी ने सम्मानित किया।
एडीजी रमित शर्मा की समीक्षा के दौरान बरेली जोन के थानों में आईजीआरएस संदर्भों के बंटवारे में भारी असमानता का खुलासा हुआ। कई थानों में कुछ निरीक्षकों को अत्यधिक संख्या में प्रार्थना-पत्र आवंटित किए गए, जबकि कई को केवल 1 से 10 संदर्भ ही मिले और कुछ को तो एक भी नहीं। इस असमान बंटवारे पर एडीजी ने गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह न केवल लंबित शिकायतों की संख्या बढ़ाता है बल्कि गुणवत्ता और समयबद्धता पर प्रतिकूल असर डालता है।
एडीजी ने बरेली समेत जोन के सभी नौ जिलों के पुलिस कप्तानों को आदेश दिया कि अब थानों पर सभी अधिकारियों को समानुपातिक तरीके से आईजीआरएस संदर्भ आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए एक व्यवस्थित प्लान तैयार कर उसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस नोडल अधिकारी और एसपी स्तर से नियमित समीक्षा होगी। साथ ही, 10 दिनों के भीतर अनुपालन आख्या परिक्षेत्रीय कार्यालय को भेजनी अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति जवाबदेही सर्वोपरि है। नियत समय में शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही शासन व जोन पुलिस की असली सफलता होगी।