जिला प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर शिकंजा कस दिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई पर्यावरण एवं गंगा समिति की बैठक में जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने सुपीरियर इंडस्ट्रीज को स्पष्ट चेतावनी दी कि तीन दिन के भीतर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार कर काम शुरू करें, अन्यथा इकाई को सील कर दिया जाएगा।
बरेली। जिला प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर शिकंजा कस दिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई पर्यावरण एवं गंगा समिति की बैठक में जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने सुपीरियर इंडस्ट्रीज को स्पष्ट चेतावनी दी कि तीन दिन के भीतर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार कर काम शुरू करें, अन्यथा इकाई को सील कर दिया जाएगा।
डीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले की सभी औद्योगिक इकाइयों, अस्पतालों और नगर निकायों की नियमित निगरानी की जाए ताकि किसी भी स्तर पर अपशिष्ट सीधे नालों या नदियों में न छोड़ा जाए।
बैठक में डीएम ने अस्पतालों और बायो-मेडिकल वेस्ट कलेक्शन एजेंसियों को वाहनों की लॉगबुक तैयार कराने और कचरा एकत्र करने वाले स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
डीएम ने नकटिया और किला नदियों में सीधे सीवेज प्रवाहित करने वाले भवनों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। नगर निगम के ईओ को निर्देश दिया गया कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के नालों का चिह्नीकरण कर एसटीपी से टैपिंग की रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करें।
डीएम ने डग्गामार बसों और स्कूल वाहनों की फिटनेस जांचने तथा पराली जलाने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदूषण नियंत्रण केवल कागजों पर नहीं बल्कि जमीन पर दिखना चाहिए।
डीएम अविनाश सिंह ने कहा कि अरिल नदी के जीर्णोद्धार के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेलों में स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त वातावरण और जल प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
डीएम ने डीएफओ दीक्षा भंडारी को पौधरोपण के क्रॉस सत्यापन की रिपोर्ट 10 दिन के भीतर उपलब्ध कराने और सभी ग्राम पंचायतों में ग्रीन चौपाल आयोजित करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा, पर्यावरण बचाना केवल अभियान नहीं, जिम्मेदारी है — इसे हर स्तर पर गंभीरता से लागू किया जाए।”