खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी के काले कारनामो में विजय शर्मा बराबर का पार्टनर है। वह पहले एक मामूली ड्राइवर था। इसके बाद फर्जी डॉक्टर बना, करोड़पति बनने के बाद वह समाजवादी पार्टी से कैंट विधानसभा से विधायक बनने के ख्वाब देख रहा था
बरेली।खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी के काले कारनामो में विजय शर्मा बराबर का पार्टनर है। वह पहले एक मामूली ड्राइवर था। इसके बाद फर्जी डॉक्टर बना, करोड़पति बनने के बाद वह समाजवादी पार्टी से कैंट विधानसभा से विधायक बनने के ख्वाब देख रहा था। एसपी साउथ मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने के लिए कोर्ट में आवेदन कर दिया है। उसके खिलाफ इनाम घोषित करने की भी तैयारी चल रही है।
विजय शर्मा की फर्जी डॉक्टर डिग्री से चल रहा था अस्पताल और कंसलटेंसी
मूल रूप से बदायूं के रहने वाले विजय शर्मा सुभाष नगर के शांति विहार के पीके शर्मा का ड्राइवर था। पी के शर्मा के साथ रहते हुए उसने कंसल्टेंसी के गुर सीख लिए। इसके बाद उसने अपनी आस्था कंसल्टेंसी के नाम से ऑफिस खोला। शेर अली जाफरी के संपर्क में आने के बाद उसने छात्रों को डी फार्मा, बी फार्मा की फर्जी डिग्री दिलाने का धंधा शुरू कर दिया। इसके बदले उसने करोड़ों रुपये काम डाले।
बन गया स्वयंभू डॉक्टर, सपा नेता बढ़कर चिपका डाले पोस्टर
विजय शर्मा ने खुद को स्वयंभू डॉक्टर घोषित कर लिया। आयुर्वेद और नेचुरोपैथी की डिग्री लेने का उसने दावा किया। उसने अपने माता-पिता के नाम पर जागेश्वरी नरेश चैरिटेबल हॉस्पिटल खोल दिया। खुसरो कॉलेज से डी फार्मा की फर्जी डिग्री के जरिए करोड़ों रुपए कमाने के बाद वह खुद डॉक्टर बनकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ उठने बैठने लगा। उसने हॉस्पिटल का पैनल बनाकर अस्पताल का संचालन भी शुरू कर दिया। राजनीति में चमकने के लिए उसने कैंट विधानसभा क्षेत्र और पूरे शहर और कैंट में डॉक्टर विजय शर्मा के बैनर पोस्टर लगा डाले। लोगों को जन्माष्टमी पर बधाई दी। वह कई भाजपा नेताओं और छात्र संगठनों के भी संपर्क में रहता था।