बरेली

हार्ट अटैक : जिम में फिट, अंदर से बीमार, अचानक मौतों पर डॉक्टर विमल बोले लाइफस्टाइल से खिलवाड़ बंद करो, जाने क्या हैं हेल्थ टिप्स

शहर में अचानक गिरकर होने वाली मौतों के मामलों ने लोगों में खौफ़ बढ़ा दिया है। कोई मॉर्निंग वॉक के दौरान ढह रहा है, कोई जिम में ट्रेडमिल पर, तो किसी की धड़कन बाथरूम में थम रही है। इन घटनाओं पर श्री वेदांता मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल व श्रीनाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. विमल भारद्वाज ने कहा कि घबराने से नहीं, जीवनशैली में सुधार से खतरा कम होगा।

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Oct 17, 2025
डॉ. विमल भारद्वाज (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। शहर में अचानक गिरकर होने वाली मौतों के मामलों ने लोगों में खौफ़ बढ़ा दिया है। कोई मॉर्निंग वॉक के दौरान ढह रहा है, कोई जिम में ट्रेडमिल पर, तो किसी की धड़कन बाथरूम में थम रही है। इन घटनाओं पर श्री वेदांता मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल व श्रीनाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. विमल भारद्वाज ने कहा कि घबराने से नहीं, जीवनशैली में सुधार से खतरा कम होगा। उन्होंने साफ कहा— “डायबिटीज, बीपी, थायराइड को बीमारी समझकर भागने के बजाय कंट्रोल करके साथ जीना सीखें, वरना ‘देखने में फिट’ भी अंदर से जोखिम में हो सकते हैं।”

तेल-नमक-शुगर की अनियंत्रित आदतें, मिलावटी व तला-भुना भोजन, रात में देर तक जागना, लगातार तनाव और बिना मेडिकल जांच के हैवी वर्कआउट—ये सब दिल पर अतिरिक्त दबाव बनाते हैं। कोविड के बाद से कई लोगों में छुपे दिल व फेफड़े संबंधी जोखिम बढ़े हैं, जिनका पता नियमित जांच के बिना नहीं चलता। किसी अपने करीबी की मौत पर तीन-चार दिन सतर्क रहते हैं, उसके बाद फिर पुराने ढर्रे वाली लाइफस्टाइल पर आ जाते है। जिंदगी डरने से नहीं, अनुशासन से फर्क पड़ेगा। घर का सादा खाना, सरसों का तेल/देसी घी, रोजाना हल्की कसरत, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन—यही असल इलाज है।”

ऐसी स्थिति हो तो फौरन चेकअप कराएं

सीने में जकड़न/जलन, भारीपन या बाएं कंधे-जबड़े तक दर्द

बिना वजह तेज धड़कन, चक्कर, ठंडा पसीना, घबराहट

सीढ़ियां चढ़ते ही अत्यधिक सांस फूलना

सुबह उठते ही सिर भारी, टखनों में सूजन, रात में बार-बार सांस फूलना

ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, स्वयं दवा न लें।

बॉडी का मेडिकल चेकअप जरूरी उसके हिसाब से करें व्यायाम और बनाए अपनाखान-पान

डॉ. विमल के अनुसार साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप—ब्लड शुगर (फास्टिंग/PP/HbA1c), लिपिड प्रोफाइल, थायराइड प्रोफाइल, किडनी-लिवर फंक्शन, विटामिन D-B12, ECG/इको व जरूरत हो तो TMT—कराना चाहिए। जिम शुरू करने से पहले बेसलाइन कार्डियक स्क्रीनिंग कर लें। बीमारियों से दोस्ती का मतलब है समय पर दवा, नियंत्रित खान-पान और नियमित जांच। भागेंगे तो ये पीछा नहीं छोड़ेंगी, संभालेंगे तो जीवन आसान हो जाएगा।

क्या करें—क्या न करें

करें: ये रोज करें

रोज 30–40 मिनट तेज चाल से चलना/योग-प्राणाया
घर का सादा भोजन, दाल-सब्जी, सलाद, मौसमी फल

तेल में सरसों/देसी घी का सीमित उपयोग, नमक-शुगर नियंत्रित

हर 6–12 माह पर स्वास्थ्य जांच, डॉक्टर की सलाह का पालन

न करें:

बिना जांच के हैवी वेट/हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट

रोज-रोज बाहर का तला-भुना/जंक फूड

रात 11 के बाद भारी भोजन, नींद कम करना

लक्षण छुपाकर जिम/डांस फ्लोर/ट्रेडमिल पर खुद को झोंकना

जिम/ट्रेडमिल से पहले सावधानियां

प्री-फिटनेस चेकअप: ECG, BP, शुगर, TMT (जरूरत पर)

वार्म-अप/कूल-डाउन: 5–10 मिनट अनिवार्य

प्रोग्रेसिव लोड: वजन/स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाएं

हाइड्रेशन: पानी घूंट-घूंट; एनर्जी ड्रिंक/स्टेरॉयड से बचें

लाल संकेत पर ब्रेक: चक्कर, सीने का भारीपन, असामान्य धड़कन

त्योहारों में रखें दिल का ख्याल

मिठाइयों/नमकीन का पोर्टियन कंट्रोल

एक बड़े भोजन के बजाय छोटे-छोटे हिस्से

देर रात तक जगा हो तो अगले दिन हल्का आहार व वॉक

शराब/धूम्रपान से बचें; ज्यादा कैफीन न लें

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