26 सितंबर के बरेली बवाल से जुड़े मामलों में इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आईएमसी यूथ विंग के जिलाध्यक्ष अल्तमश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि अन्य मुकदमों में उसका नाम खुलने से गिरफ्तारी की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
बरेली। 26 सितंबर के बरेली बवाल से जुड़े मामलों में इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आईएमसी यूथ विंग के जिलाध्यक्ष अल्तमश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि अन्य मुकदमों में उसका नाम खुलने से गिरफ्तारी की संभावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। अल्तमश पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित है और वह दंगा, पथराव व एसिड अटैक के मामलों में नामजद है।
26 सितंबर को शहर में हुए बवाल के बाद प्रेमनगर थाने में दर्ज मुकदमे में अल्तमश समेत 24 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर हुई थी। इसी मुकदमे में हाईकोर्ट ने जांच के दौरान गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया है। एडवोकेट शांतनु मिश्रा के अनुसार, “इस केस में सात साल से कम सजा वाली धाराएं हैं, इसलिए कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। हालांकि, कोतवाली, कैंट और बारादरी थानों में दर्ज अन्य मामलों में उसका नाम सामने आने से पुलिस को आगे कार्रवाई का विकल्प मिला हुआ है।
इसी बीच, बरेली बवाल में मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है।
फतेहगढ़ जेल में बंद तौकीर रजा की मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी कराई गई। कोर्ट ने अगली पेशी की तारीख 26 नवंबर तय की है।
अब तक बवाल से जुड़े पांच थानों में दस मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें मौलाना सात मामलों में आरोपी हैं।
मौलाना के वकील ने 7 नवंबर को जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे अपर सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। अब उनकी कानूनी टीम हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
शहर में हुए बवाल, पथराव और फायरिंग की घटनाओं में पुलिस अब तक 105 आरोपियों को जेल भेज चुकी है।
एसएसपी ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।