उत्तर प्रदेश की चर्चित महिला पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर नरगिस खान और उनके परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है।
बरेली। उत्तर प्रदेश की चर्चित महिला पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर नरगिस खान और उनके परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने मेरठ के मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद उनके पति सुरेश यादव और भाई रऊफ के खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर थाने में दर्ज 2021 और 2024 के केसों में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही नरगिस की गिरफ्तारी हो सकती है और करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा सकती है।
नरगिस खान 1990 बैच की पुलिस अधिकारी हैं और वर्तमान में बरेली के सीआईडी कार्यालय में तैनात हैं। 2015-16 में वह मेरठ महिला थाना प्रभारी रहीं। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने शराब और तेल कारोबारी सुरेश यादव से शादी की थी, जो खुद को सपा नेता शिवपाल यादव का ओएसडी बताता था।
✦ करोड़ों की संपत्ति, बार और पेट्रोल पंप
4 पेट्रोल पंप (एक देवचरा में)
नंदनी बार (गढ़ रोड, मेरठ)
साड़ी शोरूम
शराब और निर्माण व्यवसाय हैं।
उनकी सालाना आमदनी करोड़ों रुपये में है और वे नियमित रूप से आयकर भी जमा करते हैं। नरगिस खान खुद स्वीकार करती हैं कि वे पति की संपत्ति का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा, "जब पति के पास पैसा है, तो मैं क्यों न उड़ाऊं?"
✦ चार्जशीट और गंभीर धाराएं
छेड़छाड़
एससी/एसटी एक्ट उल्लंघन
धोखाधड़ी
जान से मारने की धमकी जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं।
इन मामलों में सुरेश यादव और रऊफ को नामजद करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
✦ सपा सरकार में 'रुतबा', अब जांच का सामना
नरगिस खान सपा शासनकाल में अपनी पहुंच के लिए मशहूर रहीं। मेरठ जोन में उन्होंने लगातार 23 साल तक तैनाती पाई। कहा जाता है कि उनके इशारे पर अधिकारियों के ट्रांसफर तक होते थे। अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनके खिलाफ नाबालिग लड़की को गलत तरीके से सुपुर्द करने के एक पुराने मामले की भी दोबारा जांच शुरू कर दी है।
नरगिस खान का कहना है कि वह हमेशा प्रकोष्ठों में तैनात रही हैं और उनकी कोई अवैध कमाई नहीं है। उनका कहना है कि पति की संपत्ति को लेकर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उमा देवी, जो पहले सुरेश यादव की बिजनेस पार्टनर थीं, से हुए विवाद के बाद लगातार झूठी शिकायतें की जा रही हैं। यदि विभागीय जांच में न्याय नहीं मिला, तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी।