बरेली

आईटी कंपनी छोड़ बनाया फर्जी आधार सॉफ्टवेयर, हजारों लोगों को लगाया चूना, एसटीएफ के हत्थे चढ़ा आरोपी, जाने मामला

आधार कार्ड बनाने का फर्जी सॉफ्टवेयर बेचकर हजारों लोगों को चूना लगाने वाले साइबर ठग को एसटीएफ ने बरेली से दबोच लिया। आरोपी खुद को आईटी एक्सपर्ट बताकर लोगों को झांसे में लेता और महज 1000 से 1500 रुपये में नकली सॉफ्टवेयर बेचता था।

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Sep 07, 2025
आरोपी जयवीर गंगवार (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। आधार कार्ड बनाने का फर्जी सॉफ्टवेयर बेचकर हजारों लोगों को चूना लगाने वाले साइबर ठग को एसटीएफ ने बरेली से दबोच लिया। आरोपी खुद को आईटी एक्सपर्ट बताकर लोगों को झांसे में लेता और महज 1000 से 1500 रुपये में नकली सॉफ्टवेयर बेचता था। खास बात यह है कि आरोपी ने यह फर्जी सॉफ्टवेयर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात समेत कई राज्यों में करीब 2000 से अधिक लोगों को बेच डाला।

एसटीएफ की बरेली यूनिट ने शनिवार रात सुभाषनगर पुलिया से जंक्शन रोड पर घेराबंदी कर ठग को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रेमनगर के राजेंद्र नगर निवासी जयवीर गंगवार पुत्र मेवाराम के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने आरोपी के पास से एक लैपटॉप, मोबाइल, दो फर्जी आधार कार्ड और चार एटीएम/डेबिट कार्ड बरामद किए।

आईटी कंपनी छोड़ बनाई ठगी की स्क्रिप्ट

पूछताछ में जयवीर ने बताया कि वह कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद नोएडा की एक आईटी कंपनी में नौकरी करता था। यहीं से उसे फर्जी सॉफ्टवेयर बनाने का आइडिया आया। नौकरी छोड़कर उसने घर पर ही आधार बनाने का नकली सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया। इसके बाद वह फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर विज्ञापन डालकर लोगों से संपर्क करता था। जब कोई ग्राहक तैयार हो जाता तो जयवीर एनीडेस्क के जरिए उनके कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करता और आईडी-पासवर्ड देकर भरोसा जीत लेता। लेकिन जब यह सॉफ्टवेयर काम नहीं करता तो वह नए-नए बहाने बनाकर और पैसे मांगता और आखिर में मोबाइल बंद कर देता।

दो साल से चला रहा था ठगी का धंधा

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपी पिछले दो साल से इस धंधे में सक्रिय था और अब तक 2000 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है। पकड़े गए जयवीर गंगवार के खिलाफ थाना सुभाषनगर में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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