अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गंगापुरम में सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान संबंधी वाउचरों को कथित रूप से खुर्द-बुर्द कर रद्दी में बेच दिया गया। मामले का खुलासा होने पर केंद्र में हड़कंप मच गया है।
बरेली। अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गंगापुर में सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान संबंधी वाउचरों को कथित रूप से खुर्द-बुर्द कर रद्दी में बेच दिया गया। मामले का खुलासा होने पर केंद्र में हड़कंप मच गया है।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सहबान अली ने इज्जतनगर थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया है कि केंद्र में तैनात सपोर्ट स्टाफ ज्योति प्रकाश ने जुलाई माह के 461 वाउचर, जो दो बंडलों में थे, और अगस्त माह के लगभग 100 वाउचर को नष्ट कर रद्दी में बेच दिया। इन वाउचरों के आधार पर आशा कार्यकर्ताओं को भुगतान किया जाता है, इसलिए इनके गायब होने से गंभीर वित्तीय अनियमितता की आशंका भी जताई जा रही है।
डॉ. अली के अनुसार, जब उन्होंने ज्योति प्रकाश से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा तो वह भड़क उठा और अभद्र भाषा में गाली-गलौज करने लगा। आरोप है कि आरोपी ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
घटना के बाद पूरे स्वास्थ्य केंद्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। वाउचरों के गायब होने से न केवल सरकारी रिकॉर्ड की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, बल्कि कर्मचारियों के मिलीभगत की भी आशंका गहराई है। बताया जा रहा है कि जिन वाउचरों को रद्दी में बेचा गया, वे आशा कार्यकर्ताओं को उनके काम के अनुसार भुगतान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
तहरीर मिलने के बाद इज्जतनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इज्जतनगर इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं और संबंधित स्टाफ से पूछताछ की तैयारी कर रही है।
फिलहाल पुलिस आरोपी की भूमिका और संभावित आर्थिक गड़बड़ी की तहकीकात कर रही है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस घालमेल के पीछे कौन-कौन शामिल थे और कितने स्तर पर लापरवाही हुई है।