शहर में नगर निगम की संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। वर्षों से कब्जा हो चुकी कीमती जमीनों को खाली कराने के लिए निगम ने विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया है। खाली भूमि की पहचान कर उनके उपयोग और पुनः अधिकार को लेकर कार्य योजना बनाई गई है।
बरेली। शहर में नगर निगम की संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। वर्षों से कब्जा हो चुकी कीमती जमीनों को खाली कराने के लिए निगम ने विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया है। खाली भूमि की पहचान कर उनके उपयोग और पुनः अधिकार को लेकर कार्य योजना बनाई गई है।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य के निर्देश पर नगर निगम की राजस्व टीम व लेखपालों को शहरभर में फैली निगम की खुली जमीनों की सर्वे और जांच में लगाया गया है। इन जमीनों पर कब्जों की स्थिति, उनके दस्तावेज़ और उपयोग की समीक्षा की जा रही है।
नगर निगम का उद्देश्य इन भूखंडों का विकासपरक और सार्वजनिक उपयोग सुनिश्चित करना है, ताकि फुटपाथी विक्रेताओं के लिए स्थायी स्थल उपलब्ध हो सके और सड़क किनारे लगने वाले जाम की समस्या खत्म की जा सके।
नगर निगम के राजस्व विभाग के अनुसार, शहर के दर्जनों स्थानों पर निगम की खुली भूमि है। इनमें से अधिकतर पर स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। कुछ भूखंडों की फाइलें तक कार्यालयों में अव्यवस्थित या गायब हो चुकी हैं, जिससे इन जमीनों पर कार्रवाई बाधित रही है।
बीते वर्षों में नगर निगम द्वारा अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाया गया, लेकिन कई बार राजनीतिक दबाव, स्थानीय विरोध और आंतरिक ढिलाई के चलते इन जमीनों को खाली नहीं कराया जा सका। कुछ मूल्यवान भूखंड जरूर वापस निगम के नियंत्रण में आए, मगर अधिकांश पर अभी भी कब्जा बरकरार है।
नगर निगम और पुलिस प्रशासन अब मिलकर शहर के प्रमुख मार्गों को अतिक्रमण मुक्त बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत:
फुटपाथ से हटेंगे ठेले और अस्थायी दुकानदार
फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए वैकल्पिक स्थान चिन्हित होंगे
वाहनों की आवाजाही में बाधा बनने वाले निर्माण हटेंगे
ब्लूप्रिंट के मुताबिक, इन कार्यों के लिए वार्डवार कार्रवाई होगी और अतिक्रमण हटाने से पहले सूचना व नोटिस दिया जाएगा।