बरेली बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा ने आखिरकार बदायूं जिला सहकारी बैंक का 35 साल पुराना बकाया कर्ज चुकता कर दिया। सोमवार को उनके भतीजे शहनवाज बैंक पहुंचे और 30,522 रुपये जमा किए, जिसके साथ यह मामला खत्म हो गया।
बरेली। बरेली बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा ने आखिरकार बदायूं जिला सहकारी बैंक का 35 साल पुराना बकाया कर्ज चुकता कर दिया। सोमवार को उनके भतीजे शहनवाज बैंक पहुंचे और 30,522 रुपये जमा किए, जिसके साथ यह मामला खत्म हो गया।
मूल रूप से बदायूं के गांव करतौली निवासी मौलाना तौकीर रजा ने साल 1990 में रसूलपुर कुट्टी साधन सहकारी समिति से 5,055 रुपये का कृषि कर्ज लिया था। इस रकम से उन्होंने बीज और खाद खरीदे थे। साल 1996 में सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन तौकीर रजा का खाता उस योजना में शामिल नहीं हुआ। इसके बाद 1997 में बैंक की जांच में उनका कर्ज बकाया पाया गया। कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। हाल ही में बरेली बवाल मामले में जेल जाने के बाद बैंक ने उनके पुराने खातों की फाइल दोबारा खंगालनी शुरू की।
जांच में सामने आया कि ब्याज समेत मौलाना पर कुल 30,522 रुपये की देनदारी है। नौ अक्तूबर को बैंक ने उनके बरेली स्थित घर पर वसूली नोटिस चस्पा कर 15 दिन की मोहलत दी थी। इसी बीच सोमवार को उनके भतीजे शहनवाज बैंक पहुंचे और पूरी रकम जमा कर दी। जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरीबाबू भारती ने बताया कि मौलाना के भतीजे ने रकम बैंक की बिनावर शाखा में जमा की है। भुगतान के बाद खाता पूरी तरह निपटा दिया गया और बैंक की ओर से रसीद भी जारी कर दी गई। सूत्रों के मुताबिक, बैंक प्रबंधन अब ऐसे और पुराने खातों की भी समीक्षा कर रहा है, जिनमें लंबे समय से बकाया चला आ रहा है।