फरीदपुर में युवक की संदिग्ध मौत के बाद आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। आरोपी खुले घूम रहे हैं और पुलिस की कार्रवाई रेंगती नजर आ रही है। यही गुस्सा सोमवार को सड़क पर फूट पड़ा जब महमूदपुर के सैकड़ों लोग युवा सेना के पदाधिकारियों के साथ सीधे एसएसपी दफ्तर का घेराव करने पहुंच गए।
बरेली। फरीदपुर में युवक की संदिग्ध मौत के बाद आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। आरोपी खुले घूम रहे हैं और पुलिस की कार्रवाई रेंगती नजर आ रही है। यही गुस्सा सोमवार को सड़क पर फूट पड़ा जब महमूदपुर के सैकड़ों लोग युवा सेना के पदाधिकारियों के साथ सीधे एसएसपी दफ्तर का घेराव करने पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ढिलाई का आरोप लगाते हुए कहा गिरफ्तारी न हुई तो धरना प्रदर्शन करेंगे।
महमूदपुर निवासी रामवीर ने आरोप लगाया कि 4 नवंबर को गांव के ही केशरी, नरवीर, बब्लू और रविंद्र उनके 35 वर्षीय बेटे राजेश को हल्द्वानी से चौबारी मेले में ले गए थे। चार दिन तक उसका कोई पता नहीं चला तो परिजन फरीदपुर थाने गए, जहां 7 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज की गई। अगले दिन युवक का शव कैंट क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ है।
पीड़ित पिता का दावा है कि जब उन्होंने विपक्षी युवकों से बेटे के बारे में पूछा तो उल्टा उन्हें धमकाया गया, तेरे बेटे को मारकर नदी में फेंक दिया है, जो करना है कर ले। 8 नवंबर को अज्ञात शव मिलने की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे। कपड़े और पहचान चिह्नों के आधार पर शव को राजेश बताया गया। परिजनों ने साफ तौर पर उन ही चार लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है।
परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपी गांव में खुले घूम रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस कागजी कार्रवाई तक सीमित है, गिरफ्तारी का नाम तक नहीं। ग्रामीणों ने योगी सेना के पदाधिकारियों के साथ एसएसपी अनुराग आर्य को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। एसएसपी ने सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया।