बरेली

दो घंटे में बरेली से पहुंच जाएंगे आगरा, 7700 करोड़ की एक्सप्रेसवे परियोजना ने पकड़ी रफ्तार, मथुरा हाथरस जाना भी हुआ आसान

आगरा से बरेली के बीच अब जाम, धक्के और घंटों की थकाऊ यात्रा इतिहास बनने वाली है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने आगरा–बरेली एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर तेज कर दिया है। चार चरणों में बन रहे इस ग्रीन कॉरिडोर के दो चरणों का काम करीब 50 फीसदी पूरा हो चुका है।

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Dec 19, 2025

बरेली। आगरा से बरेली के बीच अब जाम, धक्के और घंटों की थकाऊ यात्रा इतिहास बनने वाली है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने आगरा–बरेली एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर तेज कर दिया है। चार चरणों में बन रहे इस ग्रीन कॉरिडोर के दो चरणों का काम करीब 50 फीसदी पूरा हो चुका है। तय समय से पहले, अगले दो साल में यह मेगा प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने की पूरी तैयारी में है।

एक्सप्रेसवे के पूरा होते ही आगरा से बरेली का सफर महज दो से ढाई घंटे में सिमट जाएगा। अभी यही दूरी तय करने में लोगों को पांच से छह घंटे तक जूझना पड़ता है। इस परियोजना से 15 जिलों के लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।

228 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर, 7700 करोड़ की लागत

एनएचएआई के परियोजना निदेशक उत्कर्ष शुक्ला मिश्रा ने बताया कि आगरा–बरेली ग्रीन कॉरिडोर की कुल लंबाई 228 किलोमीटर है। यह चार लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसका निर्माण तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि तय समय से दो से तीन महीने पहले ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 7700 करोड़ रुपये है और इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे आगरा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, बदायूं और बरेली जैसे प्रमुख जिलों को सीधे जोड़ेगा। इसके जरिए आगरा और मथुरा से बरेली की कनेक्टिविटी बेहद तेज और सुगम हो जाएगी।

फ्लाईओवर, अंडरपास और बड़े पुलों का जाल

रूट पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का विशाल नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे पर 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास, 5 बड़े पुल और 6 रेल ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ लंबी दूरी के यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि आसपास के ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों को भी जाम से मुक्ति और आसान आवाजाही मिलेगी।

चार चरणों में युद्धस्तर पर काम

परियोजना निदेशक के मुताबिक एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में मथुरा से हाथरस तक 66 किलोमीटर का हिस्सा है, जहां करीब 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है और कुछ हिस्सों में यातायात भी शुरू हो गया है। दूसरे चरण में हाथरस से कासगंज तक 57 किलोमीटर का सेक्शन है, जहां वाहनों का संचालन हो रहा है। तीसरे चरण में कासगंज से बदायूं तक 46 किलोमीटर का हिस्सा है, जहां करीब 10 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। चौथे और अंतिम चरण में बदायूं से बरेली तक 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

जाम से आजादी, विकास को नई रफ्तार

आगरा–बरेली एक्सप्रेसवे के बनते ही व्यापार, पर्यटन और उद्योग को जबरदस्त रफ्तार मिलेगी। जाम से छुटकारा, समय की बचत और सुरक्षित यात्रा इस परियोजना की सबसे बड़ी सौगात होगी। साफ है यह एक्सप्रेसवे सिर्फ सड़क नहीं, पश्चिमी यूपी के विकास की नई रीढ़ बनने जा रहा है।

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