टपरी डिस्टलरी के 35 करोड़ रुपये वाले शराब टैक्स चोरी मामले में गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद सहारनपुर पुलिस ने शनिवार देर रात बरेली में बड़ी दबिश दी। ग्रीन पार्क निवासी शराब कारोबारी नीरज जायसवाल के घर पर छापेमारी की गई, लेकिन कारोबारी घर से गायब मिला।
बरेली। टपरी डिस्टलरी के 35 करोड़ रुपये वाले शराब टैक्स चोरी मामले में गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद सहारनपुर पुलिस ने शनिवार देर रात बरेली में बड़ी दबिश दी। ग्रीन पार्क निवासी शराब कारोबारी नीरज जायसवाल के घर पर छापेमारी की गई, लेकिन कारोबारी घर से गायब मिला। सहारनपुर पुलिस और एसओजी ने बारादरी पुलिस के सहयोग से यह कार्रवाई की। दबिश के बाद पुलिस टीम खाली हाथ लौट गई, लेकिन शहर में हड़कंप मचा रहा।
शराब कारोबार से जुड़े इस बड़े घोटाले की जांच पहले सहारनपुर पुलिस के दायरे तक सीमित थी, लेकिन गैंगस्टर एक्शन के बाद अब इसका विस्तार बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं और लखनऊ तक पहुंच चुका है। सूत्रों के अनुसार सहारनपुर पुलिस की टीम बरेली में ही ठहरी हुई है और नीरज तथा अन्य आरोपितों को पकड़ने के लिए रणनीति बना रही है। पुलिस को आशंका है कि फरार कारोबारी अभी बरेली या आसपास ही छिपा हो सकता है।
शराब टैक्स चोरी से जुड़े इस प्रकरण की शुरुआत वर्ष 2021 में हुए उस घटनाक्रम से मानी जाती है, जब टपरी डिस्टलरी से एक ही गेटपास पर दो शराब के ट्रक निकाले गए थे। इनमें से एक ट्रक बरेली की बारादरी थाना क्षेत्र में हरुनगला के पास पकड़ा गया था। उस मामले में ट्रक चालक संजय और शराब कारोबारी मनोज जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच लखनऊ एसआईटी को गई तो कहानी और गहरी निकली, जिसमें शराब टैक्स चोरी, फर्जी पास, गलत बिलिंग और एक्साइज राजस्व घोटाले की परतें खुलीं। जांच के दौरान पूरा मामला 35 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी तक पहुंच गया।
इसी कड़ी में नौ दिसंबर को सहारनपुर पुलिस ने मनोज जायसवाल, उसके भाई नीरज जायसवाल, प्रणय अनेजा, अश्वनी उपाध्याय समेत 27 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया। मनोज जायसवाल की शराब की दुकानों में पैसा लगाने वाले और मुखौटा नाम से कई दुकानें ले रखी है। सिंडिकेट का पर्दाफाश करने के लिए भी टीमों ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसके बाद से कई जिलों की पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है। शनिवार देर रात सहारनपुर पुलिस बरेली पहुंची और ग्रीन पार्क में छापेमारी की, लेकिन नीरज हाथ नहीं आया। कार्रवाई के समय बारादरी पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। पुलिस ने इलाके में कई जगह पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सहारनपुर पुलिस को आशंका है कि नीरज दबाव बढ़ने के चलते शहर छोड़कर भाग चुका है या किसी सुरक्षित ठिकाने पर छिपा हुआ है।
मनोज जायसवाल की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत दे दी है। सहारनपुर देहात कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर केस में गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जांच में सहयोग की शर्त पर यह राहत जारी रहेगी। अब मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2026 को होगी।
फिलहाल शराब कारोबार से जुड़े इस बड़े घोटाले से जिले में सरगर्मी तेज है। सहारनपुर पुलिस एक्शन मोड में है और बरेली में डेरा डाले बैठी है। वहीं स्थानीय कारोबारियों में हलचल, पुलिस की गतिविधियों में तेजी और शराब कारोबार से जुड़े नेटवर्क पर नए सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला अब केवल टैक्स चोरी या ट्रक जब्ती का नहीं रहा, बल्कि संगठित आर्थिक अपराध, फर्जीवाड़े और कारोबारी नेटवर्क की जांच तक पहुंच चुका है।
इस केस में जिन 27 लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई, उनमें प्रमुख नाम—
मनोज जायसवाल, नीरज जायसवाल, प्रणय अनेजा, अश्वनी उपाध्याय, कुलदीप सिन्हा, अजय जायसवाल, मनीष, अरविंद कुमार वर्मा, उपेंद्र गोविंद राव, प्रदीप गुप्ता, हरिशरण तिवारी, संजय कुमार, मांगेराम त्यागी, वीरेंद्र शंखधर और कई अन्य शामिल हैं।
वर्ष 2021 में टपरी डिस्टलरी से एक गेटपास पर दो ट्रक चले। एक बरेली में पकड़ा गया। ट्रक, गेटपास और बिलिंग के कागजात की जांच हुई, तो टैक्स चोरी का सिलसिला सामने आया। मामला एसआईटी पहुंचा और जांच में 35 करोड़ रुपये की एक्साइज चोरी की पुष्टि हुई।
नीरज जायसवाल और अन्य आरोपी बरेली कनेक्शन वाले हैं। पुलिस को आशंका है कि भागने की कोशिश में वे अभी यहीं gharon के आसपास या किसी पहचान वाले के यहां छिपे हो सकते हैं। इसलिए सहारनपुर पुलिस ने बरेली में मोर्चा संभाल रखा है और लगातार दबिश दे रही है।