गांवों में स्वच्छता और जल संरक्षण को मजबूत करने के लिए बरेली प्रशासन ने बड़ी पहल शुरू की है। जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत अब यूनिसेफ की टीम भी तकनीकी सहयोग देगी। जिले के 10 विकास खंडों के 150 गांवों में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर्स तैनात किए गए हैं, जो हर गांव का दौरा कर वहां की व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
बरेली। गांवों में स्वच्छता और जल संरक्षण को मजबूत करने के लिए बरेली प्रशासन ने बड़ी पहल शुरू की है। जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत अब यूनिसेफ की टीम भी तकनीकी सहयोग देगी। जिले के 10 विकास खंडों के 150 गांवों में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर्स तैनात किए गए हैं, जो हर गांव का दौरा कर वहां की व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को हुई बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने की। उन्होंने अधिकारियों को साफ कहा कि योजनाएं कागजों में नहीं बल्कि जमीन पर दिखनी चाहिए। लोग शौचालय बनवाकर उनका इस्तेमाल करें, कूड़ा तय जगह पर डाला जाए और पानी की बर्बादी रोकी जाए—इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करना होगा।
-ओवरहेड टैंक बने हैं या नहीं, पानी की सप्लाई सही है या नहीं—इसकी जांच होगी।
-टूटी सड़कों की मरम्मत और रिस्टोरेशन का भी आकलन होगा।
-स्कूलों और आंगनबाड़ियों में स्वच्छता के मानक पूरे हो रहे हैं या नहीं, यह देखा जाएगा।
-आरआरसी सेंटर (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) काम कर रहा है या नहीं, इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।
-महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, सेनेटरी नैपकिन और इंसीनेटर की जानकारी दी जाएगी।
डीएम ने निर्देश दिया कि कोऑर्डिनेटर्स ज्यादा से ज्यादा समय फील्ड में बिताएंगे। गांवों में जाकर न सिर्फ रिपोर्ट बनाएं बल्कि लोगों को समझाएं भी कि स्वच्छता और साफ पानी उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए कितने जरूरी हैं। बैठक में सीडीओ देवयानी, डीसी मनरेगा हसीब अंसारी, जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव, डीआरडीए परियोजना निदेशक चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर, कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार और बीएसए संजय सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।