शाहबाद के 27 घरों पर चली नगर निगम की सख्ती को हाईकोर्ट ने जोरदार झटका दिया है। अवैध घोषित कर इन मकानों को ढहाने की तैयारी में लगे नगर निगम को कोर्ट ने दो महीने के लिए सख्त रोक लगा दी है। राहत की इस खबर से प्रभावित परिवारों ने राहत की सांस ली है, जबकि निगम प्रशासन अब बैकफुट पर नज़र आ रहा है।
बरेली। शाहबाद के 27 घरों पर चली नगर निगम की सख्ती को हाईकोर्ट ने जोरदार झटका दिया है। अवैध घोषित कर इन मकानों को ढहाने की तैयारी में लगे नगर निगम को कोर्ट ने दो महीने के लिए सख्त रोक लगा दी है। राहत की इस खबर से प्रभावित परिवारों ने राहत की सांस ली है, जबकि निगम प्रशासन अब बैकफुट पर नज़र आ रहा है।
नगर निगम की ओर से जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिसों के खिलाफ घर मालिक हाईकोर्ट पहुंचे थे। डबल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साफ कहा कि दो महीने तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होगी। इस अवधि में सभी आवेदक अपना विस्तृत प्रत्यावेदन जमा कर सकेंगे। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने भी कोर्ट के आदेश की पुष्टि कर दी है।
निगम के नोटिस ने विवाद तब और बढ़ा दिया जब सामने आया कि इन 27 घरों में कई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान भी शामिल हैं। सरकारी योजना से मिले घरों को तोड़ने की तैयारी के खिलाफ लोगों में भारी रोष था, और यही इस मामले को हाईकोर्ट तक ले गया। ध्वस्तीकरण नोटिस के बाद रोज बेचैनी और डर में जी रहे परिवार अब राहत महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम बिना मौके की सुनवाई के मनमानी कर रहा था, लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप ने कम से कम अस्थायी सुरक्षा दे दी है।
कोर्ट की रोक के बाद अब नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं कि बिना ठोस प्रक्रिया और सुनवाई के इतने बड़े पैमाने पर नोटिस कैसे जारी किए गए। स्थानीय लोग इसे प्रशासनिक दबाव और लापरवाही का परिणाम बता रहे हैं।