अजमेर शरीफ से आया संदल, केवड़ा और गुलाब की खुशबू ने रविवार देर रात आला हजरत के मजार शरीफ को महका दिया। उर्स-ए-रजवी की पूर्व संध्या पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां), सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां), अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती और सैयद आसिफ मियां ने गुस्ल की रस्म अदा कर पहली चादर पेश की।
बरेली। अजमेर शरीफ से आया संदल, केवड़ा और गुलाब की खुशबू ने रविवार देर रात आला हजरत के मजार शरीफ को महका दिया। उर्स-ए-रजवी की पूर्व संध्या पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां), सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां), अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती और सैयद आसिफ मियां ने गुस्ल की रस्म अदा कर पहली चादर पेश की। फातिहा और दुआओं के साथ रूहानी महफिल का आगाज़ हुआ।
दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि इस मौके पर बड़ी तादाद में उलमा मौजूद रहे। महफिल में मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती कफील हाशमी, कारी अब्दुर्रहमान कादरी, मौलाना डॉ. एजाज़ अंजुम समेत नामचीन उलमा ने शिरकत की।
सोमवार को उर्स-ए-रजवी की शुरुआत परचमकुशाई की रस्म से होगी। शाम चार बजे आजमनगर से परचमी जुलूस निकलेगा, जो तय मार्गों से होते हुए दरगाह पहुंचेगा। दरगाह पर सलामी देने के बाद जुलूस इस्लामिया मैदान पहुंचेगा। शाम साढ़े सात बजे महफिल-ए-मिलाद होगी। रात 10:35 बजे हुज्जतुल इस्लाम का कुल शरीफ और उसके बाद नातिया मुशायरे का आयोजन होगा। देश-विदेश से आए शायर अपने कलाम पेश करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, नेपाल समेत कई देशों और देशभर के कोनों से अकीदतमंदों का जत्थों में आना शुरू हो गया है। दरगाह से लेकर इस्लामिया कॉलेज मैदान तक जायरीन का तांता लगा हुआ है। गुलपोशी और फातिहाख्वानी का सिलसिला लगातार जारी है।
इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान पर बड़ा मंच, पंडाल और अस्थायी कुतुबखाना तैयार किया गया है, जहां इस्लामी किताबें उपलब्ध रहेंगी। पुलिस कैंप, मेडिकल कैंप और पूछताछ केंद्र लगाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने वाच टावर भी स्थापित किए हैं। नगर निगम ने वजूखाने, स्नानघर और पेयजल की व्यवस्था की है।
19 अगस्त को बाकरगंज स्थित जामिया नूरिया रजविया मदरसे में कुल शरीफ होगा। इसमें अल्लामा अमीनुल कादरी सहित कई उलमा शरीक होंगे। कांकरटोला स्थित दरगाह तहसीनी पर भी सोमवार को उर्स-ए-रजवी हसनी-हसनैनी का आयोजन होगा। यहां सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी की सरपरस्ती में कुल शरीफ अदा किया जाएगा।
उर्स के दौरान बाहर से आने वाले जायरीन की सुविधा के लिए कंपोजिट विद्यालय मॉडल किशोर बाजार, प्राथमिक विद्यालय बिहारीपुर और प्राथमिक विद्यालय कहरवान को ठहरने के लिए खोल दिया गया है। पहले आदेश में रोक लगी थी, लेकिन उर्स कमेटी की गुहार पर बीएसए ने शर्तों के साथ अनुमति दी है। साफ-सफाई और मरम्मत की जिम्मेदारी कमेटी की होगी।