बरेली

शीतलहर के आगे बेबस व्यवस्था, डीएम ने जारी किया सख्त आदेश, कक्षा एक से आठ तक के स्कूल अब सुबह 10 बजे से खुलेंगे

कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने बच्चों की सेहत पर गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है, जिसको देखते हुए जिलाधिकारी ने बड़ा फैसला लेते हुए कक्षा 1 से 8 तक के सभी परिषदीय, मान्यता प्राप्त और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के समय में बदलाव कर दिया है।

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Dec 21, 2025

बरेली। जनपद में हाड़ कंपा देने वाली ठंड और घने कोहरे ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह-सुबह सड़कों पर दृश्यता शून्य जैसी बनी हुई है और शीतलहर लोगों की हड्डियों तक को जमा रही है। सबसे ज्यादा असर मासूम बच्चों पर पड़ रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए आखिरकार जिला प्रशासन को स्कूलों के समय में बदलाव का फैसला लेना पड़ा।

गौरतलब है कि जिलाधिकारी अविनाश सिंह के निर्देश पर पहले ही कक्षा 1 से 8 तक के सभी परिषदीय विद्यालयों, सभी बोर्डों से मान्यता प्राप्त और अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में 20 दिसंबर 2025 तक अवकाश घोषित किया गया था। लेकिन ठंड और कोहरे का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह-सुबह सर्द हवाओं और कोहरे के बीच बच्चों का स्कूल जाना स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा था।

10 से तीन बजे तक खलेंगे स्कूल

इसी बीच पाठ्यक्रम पूरा करने और परीक्षाओं का दबाव भी प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा था। ऐसे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विनीता ने नया आदेश जारी करते हुए स्कूलों के संचालन समय में बदलाव किया है। अब कक्षा 1 से 8 तक के सभी संबंधित विद्यालय अग्रिम आदेशों तक सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही संचालित होंगे। इस फैसले से जहां अभिभावकों ने राहत की सांस ली है, वहीं कई स्कूल प्रबंधन पहले की तरह जल्दबाजी में स्कूल खोलने को लेकर सवालों के घेरे में थे। अभिभावकों का कहना है कि सुबह 7–8 बजे के बीच बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचते थे, जिससे बीमार पड़ने का खतरा लगातार बना रहता था। अस्पतालों में पहले से ही सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

आदेश का उल्लंघन किया तो कार्रवाई तय

डीएम अविनाश सिंह साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समय से पहले स्कूल खोलने या निर्देशों की अनदेखी करने वाले विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक ठंड और कोहरे से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है। ऐसे में यह फैसला न सिर्फ जरूरी बल्कि समय की मांग भी माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि स्कूल प्रबंधन आदेशों का कितनी ईमानदारी से पालन करते हैं और बच्चों की सेहत को कितनी प्राथमिकता दी जाती है।

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