नवाबगंज थाना क्षेत्र के फाजिलपुर गांव में धर्मस्थल पर सुरक्षा दीवार बनाए जाने को लेकर बुधवार रात विवाद भड़क गया। आरोप है कि इस दौरान एक पक्ष के लोगों ने वहां रखे शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बरेली। नवाबगंज थाना क्षेत्र के फाजिलपुर गांव में धर्मस्थल पर सुरक्षा दीवार बनाए जाने को लेकर बुधवार रात विवाद भड़क गया। आरोप है कि इस दौरान एक पक्ष के लोगों ने वहां रखे शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात बिगड़ने से पहले ही आठ लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने शिवलिंग खंडित होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। तनाव की स्थिति को देखते हुए कोतवाल अरुण कुमार श्रीवास्तव और सीओ नीलेश मिश्र भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसडीएम उदित पवार और तहसीलदार दुष्यंत प्रताप सिंह भी राजस्व टीम के साथ फाजिलपुर पहुंचे और जांच शुरू की।
ग्रामीणों ने मंदिर में नई शिवलिंग स्थापित करने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई। महिलाओं ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा। अधिकारियों ने लोगों को समझाते हुए आश्वासन दिया कि नई शिवलिंग रखवाई जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। कोतवाल अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि धर्मस्थल पर सुरक्षा के मद्देनज़र सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चेतावनी दी गई कि भविष्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ग्रामीणों के मुताबिक, दोनों समुदायों के बीच यह विवाद नया नहीं है। वर्ष 2017 में उर्स और जुलूस के दौरान भी इसी तरह का तनाव पैदा हुआ था। तब प्रशासन ने साफ आदेश दिया था कि बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद हाल ही में सुरक्षा दीवार बनाई गई, जिसके चलते फिर से विवाद भड़क गया। एसडीएम उदित पवार ने बताया कि ग्रामीणों और अधिकारियों की मौजूदगी में मामला सुलझा लिया गया है। प्रशासन के आदेश के बिना आगे कोई निर्माण नहीं होगा। मंदिर निर्माण की अनुमति के लिए ग्रामीणों की मांग पर तहसीलदार को जांच सौंप दी गई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।