बरेली के लिए यह गर्व का क्षण रहा, जब जिले में एसएसपी रह चुके और वर्तमान में तैनात तीन आईपीएस अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। बरेली के पूर्व एसएसपी प्रभाकर चौधरी और शैलेश कुमार पांडेय के साथ ही मौजूदा एसएसपी अनुराग आर्य को उनके बेहतर और प्रभावी पुलिसिंग कार्य के लिए यह सम्मान मिला।
बरेली। बरेली के लिए यह गर्व का क्षण रहा, जब जिले में एसएसपी रह चुके और वर्तमान में तैनात तीन आईपीएस अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। बरेली के पूर्व एसएसपी प्रभाकर चौधरी और शैलेश कुमार पांडेय के साथ ही मौजूदा एसएसपी अनुराग आर्य को उनके बेहतर और प्रभावी पुलिसिंग कार्य के लिए यह सम्मान मिला।
वर्ष 2019 में बरेली के एसएसपी रहे आईपीएस शैलेश कुमार पांडेय, जो वर्तमान में डीआईजी आगरा के पद पर तैनात हैं, को भी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। बरेली में उनका कार्यकाल अनुशासित, संतुलित और जमीनी पुलिसिंग के लिए जाना जाता है। शैलेश कुमार पांडेय ने एसएसपी रहते हुए महिला, बच्चों और कमजोर वर्गों से जुड़े अपराधों को प्राथमिकता में रखा। थानों की नियमित समीक्षा, लंबित मामलों के जल्द निस्तारण और फील्ड में अधिकारियों की सक्रिय मौजूदगी पर उन्होंने खास जोर दिया। अपराध नियंत्रण के साथ-साथ उन्होंने पुलिस और जनता के बीच भरोसे की खाई पाटने की कोशिश की। जन-संवाद उनकी कार्यशैली का अहम हिस्सा रहा। उन्होंने व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से सीधे संवाद कर पुलिसिंग को अधिक संवेदनशील बनाने का प्रयास किया। कानून व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की गई, वहीं छोटे विवादों को समय रहते सुलझाने पर भी ध्यान दिया गया, ताकि हालात बिगड़ने न पाएं। हालांकि उनके कार्यकाल में कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों की चर्चाएं भी रहीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने फील्ड-ओरिएंटेड पुलिसिंग की मिसाल पेश की। यही वजह रही कि बरेली में उनका कार्यकाल आज भी सख्त लेकिन संतुलित पुलिसिंग के तौर पर याद किया जाता है।
वर्ष 2022 के लिए चुने गए आईपीएस प्रभाकर चौधरी, जो वर्तमान में डीआईजी अलीगढ़ हैं, ने 14 मार्च 2023 को बरेली एसएसपी का कार्यभार संभाला था। भले ही उनका कार्यकाल सिर्फ 88 दिनों का रहा, लेकिन इस दौरान उनकी सख्त और ईमानदार कार्यशैली ने जिले में अलग पहचान बनाई। प्रभाकर चौधरी ने पुलिस महकमे में अनुशासन कायम करने के लिए कड़े कदम उठाए। अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने 88 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ साफ संदेश दिया। मादक पदार्थों की तस्करी, गोहत्या, रिश्वतखोरी और अवैध वसूली के मामलों में भी उन्होंने सख्ती दिखाई। जनता से सीधे संवाद के लिए उन्होंने एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया, जिससे लोग बेझिझक शिकायत कर सकें। सादगी भरे स्वभाव के कारण भी वे खूब चर्चा में रहे। बस और टेंपो से दफ्तर पहुंचने जैसी उनकी आदतें लोगों को हैरान करती रहीं। हालांकि जुलाई 2023 में कांवड़ यात्रा के दौरान हुए विवाद और लाठीचार्ज के बाद उनका तबादला हो गया, जिसे लेकर काफी चर्चा हुई।
वर्तमान बरेली एसएसपी अनुराग आर्य को वर्ष 2024 के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक दिया गया। अनुराग आर्य ने बरेली में कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया और कई बड़े मामलों का सफल खुलासा किया। साइको किलर केस का पर्दाफाश उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल रहा। शाही और शीशगढ़ थाना क्षेत्र में हुई कई महिलाओं की निर्मम हत्याओं के मामले में उन्होंने गहन जांच और तकनीकी सर्विलांस के जरिए आरोपी कुलदीप गंगवार को गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया। इसके अलावा 26 सितंबर 2025 को जिले का माहौल बिगाड़ने की साजिश को भी उन्होंने समय रहते नाकाम कर दिया। हालात बिगड़ने से पहले पुलिस को सड़कों पर उतारकर सख्त कार्रवाई की गई और बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा को जेल भेजा गया।