जुलूस-ए-मोहम्मदी का समापन होने के बाद पुराना शहर का माहौल अचानक बिगड़ गया। रात करीब साढ़े दस बजे अन्जुमन लश्करे अब्बास के लोग तेज आवाज में डीजे बजाते हुए निकल पड़े, जबकि अनुमति शर्तों के मुताबिक जुलूस में डीजे का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित था। पुलिस ने 12 दिन बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
बरेली। जुलूस-ए-मोहम्मदी का समापन होने के बाद पुराना शहर का माहौल अचानक बिगड़ गया। रात करीब साढ़े दस बजे अन्जुमन लश्करे अब्बास के लोग तेज आवाज में डीजे बजाते हुए निकल पड़े, जबकि अनुमति शर्तों के मुताबिक जुलूस में डीजे का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित था। पुलिस ने 12 दिन बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
आयोजन समिति अन्जुमन इत्तेहादुल मुस्लिमीन सचिव मो अंजुम ने थाना बारादरी में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि तेज आवाज और शोरगुल से आसपास के इलाकों में अफरातफरी मच गई। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग घबराकर घरों से बाहर निकल भागे। समिति के पदाधिकारियों ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो विवाद बढ़ गया।
आरोप है कि लश्करे अब्बास के अध्यक्ष फैसल, कैफ अली सावरी, फैजान, मुशाहिद गद्दी समेत करीब 50 लोग लाठी-डंडों के साथ वहां आ धमके। उन्होंने मंच तोड़ने की धमकी दी और संचालन समिति के पदाधिकारियों व वालंटियर्स पर गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और मारपीट की।
इसी दौरान मोहम्मद शोएब ने पुलिस को फोन करने की कोशिश की तो उपद्रवियों ने उसका मोबाइल छीनकर फेंक दिया। मोबाइल अब तक बरामद नहीं हुआ है। समिति सचिव मोहम्मद अंजुम का कहना है कि उपद्रवी लोग लगातार धमकियां दे रहे हैं और कभी भी गंभीर घटना को अंजाम दे सकते हैं।
पीड़ित ने थाना प्रभारी से पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज करने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बारादरी पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर चार नामजद आरोपियों समेत 54 पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडे ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।