बालोतरा/बायतु। जिले में ‘जल ही जीवन है’ की भावना के साथ अमृतम जलम अभियान अब बायतु क्षेत्र में भी जल चेतना की मिसाल बनता जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की ओर से संचालित अमृतम जलम अभियान के तहत रविवार को बायतु उपखंड की ग्राम पंचायत एनडीकेडी के पुराना गांव स्थित ऐतिहासिक नाड़ी की सफाई कर […]
बालोतरा/बायतु। जिले में 'जल ही जीवन है' की भावना के साथ अमृतम जलम अभियान अब बायतु क्षेत्र में भी जल चेतना की मिसाल बनता जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की ओर से संचालित अमृतम जलम अभियान के तहत रविवार को बायतु उपखंड की ग्राम पंचायत एनडीकेडी के पुराना गांव स्थित ऐतिहासिक नाड़ी की सफाई कर उसे पुनर्जीवित किया गया। ऐसे में लंबे समय से उपेक्षित इस पारंपरिक जल स्रोत में अब दोबारा जीवन संचार की उम्मीद जगी है। ग्राम पंचायत एनडीकेडी के सरपंच बाबू सिंह धतरवाल ने कहा कि राजस्थान पत्रिका का यह जनहितकारी प्रयास जल संकट के स्थायी समाधान की दिशा में एक सशक्त कदम है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण आज की सबसे बड़ी जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियां जल संकट से बच सकें।
जल संरक्षण का दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने नाड़ी की सफाई करने के बाद ‘जल बचाओ, जीवन बचाओ’ जैसे नारों के साथ रैली निकालकर आमजन को जल संरक्षण का संदेश दिया। वहीं ग्रामीणों को पारंपरिक जल स्त्रोतों की महत्ता का अहसास करवाया गया। रैली में छात्रों के साथ-साथ तगाराम चौहान, धनराज पंवार, भरत चौहान, कमल और चनणाराम सहित ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब समाज जागरूक होता है, तो संसाधनों का संरक्षण संभव है।
पांच सदस्यों की समिति गठित
अभियान के तहत नागरिकों को वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण के पारंपरिक व आधुनिक तरीकों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान नाड़ी की नियमित सफाई और देखरेख सुनिश्चित करने के लिए पांच सदस्यों की समिति का गठन किया गया। समिति में जेठाराम, गणेशीराम, गजेन्द्र सिंह, माडी देवी और निर्मला देवी को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे स्थानीय स्तर पर निगरानी रखेंगे और समय-समय पर सफाई कार्य करवाते रहेंगे।