बाड़मेर

बाड़मेर बॉर्डर से उठी ललकार… सेना के साथ कंधा से कंधा मिलाने को तैयार, नाम और नंबर तहसीलदार को सौंपे

सरहदी गांवों में ग्रामीणों ने भी तैयारी कर ली है। देश में उपजे तनाव का पश्चिम के धोरे धूल चटाकर जवाब देने को तैयार है।

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बाड़मेर बॉर्डर से ग्रामीण

भीखभारती गोस्वामी

राजस्थान के बाड़मेर से से बॉर्डर पर जवान ही नहीं, आमजन तक पूरी तरह मुस्तैद है। सरहदी गांवों में ग्रामीणों ने भी तैयारी कर ली है। देश में उपजे तनाव का पश्चिम के धोरे धूल चटाकर जवाब देने को तैयार है। वर्ष 1965, 1971 और कारगिल युद्ध के समय बॉर्डर पर रहने वाले ग्रामीणों में इस बार घर छोड़ने की बजाय दुश्मन को घर में घुसकर मारने का जोश नजर आ रहा है।

बॉर्डर के ग्रामीण कह रहे हैं कि अब हमारे जवानों का और खून नहीं बहने देंगे। पहलगांव में निर्दोष नागरिकों के खून का बदला पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद सीमावर्ती ग्रामीणों का जोश दोगुना और आगे भी ऐसी कार्रवाई की इच्छा चौगुनी हो गई है।

सरहद के सबसे बड़े गडरारोड कस्बे में बुधवार को सुबह जैसे ही पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की जानकारी मिली क्या बड़े और क्या बच्चे, सभी जोश के साथ भारतीय सेना जिंदाबाद, भारत माता की जय के उद्घोषों के साथ पटाखे फोड़ते, मिठाईयां बांटने निकल पड़े।

ग्रामीणों ने 1965, 1971 की तरह सेना के जवानों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाने का संकल्प लिया। स्थानीय युवाओं की टीम ने प्रशासन व पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति में सहयोग करने का भरोसा दिलाया। पिंटू सिंह सोढ़ा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नाम व मोबाईल नंबर की सूची तहसीलदार को सौंपी।

बहुत सहन कर लिया, इस बार सहन नहीं करेंगे

बाड़मेर जिले के अंतिम सरहदी गांवों के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ भारी आक्रोश है। ग्रामीण आपने परिवारों की चिंता छोड़ सेना की हर संभव मदद कैसे करेंगे इसकी रणनीति बनाने में जुटे हैं। बुजुर्ग, महिलाएं,युवा यहां तक कि बच्चे भी कह रहे हैं। पाकिस्तान की नापाक हरकतों को बहुत सहन कर चुके, अब सहन नहीं करेंगे। अब समय आ गया है उसे सबक सिखाने का। सरहद के नजदीक के गांवों में माहौल गर्म है। जब गांव से सेना की गाड़ियां गुजरती है तो युवा जहां उन्हें सलाम देते हैं वही बुजुर्ग दोनों हाथों से उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद देते दिखाई पड़ते हैं।

बुजुर्ग हरिसिंह सोढ़ा (पूर्व विधायक), रविशंकर वासु, घनश्याम महेश्वरी, गोविंदराम चौहान कहते हैं कि हमें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है। इस बार रोज-रोज के झंझट और आतंकवाद से अवश्य निजात दिलाएगी।

Updated on:
08 May 2025 01:15 pm
Published on:
08 May 2025 01:13 pm
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